7 मार्च 2017 को सुबह उज्जैन से भोपाल आ रही पैसेंजर ट्रेन शाजापुर जिले के जबड़ी स्टेशन के पास पहुंची। तभी आतंकियों ने ब्लास्ट कर दिया। धमाके में नौ लोग घायल हुए। कई पैसेंजरों ने कूदकर जान बचाई। एसआइटी जांच कर रही थी, पर केंद्र ने 17 मार्च 2017 को जांच एनआइए को सौंप दी।
एमपी और उत्तर प्रदेश से पकड़े गए आतंकवादी
एनआइए जांच में पता चला कि घटना को आइएसआइएस के आतंकियों ने अंजाम दिया। टीम ने मध्य प्रदेश व उत्तरप्रदेश में छापा मारकर आरोपियों को दबोचा। 8 अगस्त 2017 को भोपाल सत्र न्यायालय में सैयद मीर हुसैन व अन्य के खिलाफ चार्जशीट पेश की। मामले पर विशेष कोर्ट में सुनवाई होनी थी। पर षडयंत्र में नामजदों में एक नाबालिग था।
हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत नाबालिग का प्रकरण जुवेनाइल बोर्ड को सुनवाई के लिए भेजा। प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट ने 28 अप्रेल 2024 को आदेश में नाबालिग पर मुकदमा विशेष कोर्ट में ही चलाने कहा था। बोर्ड का मानना था कि घटना के समय उसकी उम्र 17 साल थी, पर वह हमले के दुष्परिणाम को समझने में शारीरिक व मानसिक रूप से सक्षम था। मामला एनआइए की विशेष कोर्ट को भेजा। मामले में दो अदालतों के विरोधाभासी मत थे। मामले में नाबालिग पर लगे आरोपों व मुद्दा देशद्रोह से जुड़ा होने के कारण प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश ने 23 नवंबर 2024 को यह पत्र हाईकोर्ट को भेजा था। हाईकोर्ट ने पत्र की सुनवाई याचिका के रूप में करते आदेश पारित किया।