Meat and liquor shops : एक तरफ नगर निगम का अमला और उसके जिम्मेदार अधिकारी आम जनता की प्रॉपर्टी पर टैक्स वसूलने के लिए बारीकी से नजर रखते हैं, ढेरों नियम कायदे बता दिए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर खुद की प्रॉपर्टी पर इनकी नजर ही नहीं पड़ रही है, जहां सारे नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नगर निगम के अधिकतर मार्केट अवैध निर्माण और कब्जों का शिकार हो गए हैं। लोगों ने दुकानें लेकर मनमर्जी से निर्माण भी कर लिए हैं, जिन्हें देखकर भी जिम्मेदार बेखबर हैं।
नगर निगम के मार्केट के हाल, गलियारे कब्जे में कर बढ़ा ली गईं दुकानें
मनमाने तरीके से कर लिए निर्माण
नोटिस-नोटिस खेलकर कर रहे खानापूर्ति
Meat and liquor shops : मिली भगत से बढ़ा लीं दुकानें
नगर निगम द्वारा शहर के हर क्षेत्र में मार्केट बनाए गए हैं। जिन्हें कुछ हजार रुपए मासिक किराए पर आवंटित किया गया था। इसका पहला नियम था कि दुकान के बाहर किसी तरह का निर्माण या परिवर्तन नहीं किया जा सकता है, लेकिन दुकानदारों ने अधिकारियों की मिली भगत से पूरी की पूरी दुकान ही दोगुनी कर ली है। गलियारों पर कब्जा के करने के साथ ही आगे पार्किंग तक दुकानें तान ली हैं। जिन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
Meat and liquor shops : खुल गईं मांस मदिरा की दुकानें
नगर निगम के बनाए मार्केट में मांस, मदिरा की दुकानें खोलना प्रतिबंधित है, इसके बावजूद लोगों ने अपनी दुकानें मांस, मदिरा की दुकानें संचालित करने के लिए उपकिराएदारी पर दे रखी हैं। नियम विरुद्ध संचालित इन दुकानों की जानकारी बाजार विभाग और संबंधित जाने अधिकारियों को है, लेकिन इन्हें न तो आज तक खाली कराया गया और न ही कोई कार्रवाही की गई है। जिससे दुकान मालिक मनमर्जी से मनमाना किराया वसूली कर रहे हैं।
Meat and liquor shops : चेरीताल जोन के सबसे बुरे हाल
चेरीताल जोन के अंतर्गत आने वाले दमोहनाका स्थित क्षेत्रीय बस स्टैंड मार्केट, गोविंद गंज स्कूल मार्केट, चंडाल भाटा मार्केट के सबसे बुरे हाल हैं। एक तरफ जहां प्रतिबंधित मांस, मदिरा की दुकानें संचालित हो रही हैं। वहीं दूसरी ओर आवंटित दुकानों के आगे छोड़े गए गलियारों पर भी कब्जा कर दुकानें बढ़ा ली हैं। कुछ दुकानदारों ने तो पार्किंग तक पक्की दुकानें बना ली हैं। इससे पूरे मार्केट में अराजक स्थिति निर्मित हो गई है। लोग एक दूसरे को देखकर अपनी दुकानें भी बड़ी करने में जुट गए हैं।
Meat and liquor shops : तोड़ेंगे अवैध निर्माण, नियम विरुद्ध संचालन पर करेंगे कार्रवाई
निगम की दुकानें जिस स्थिति में आवंटित की जाती हैं, उनमें किसी भी प्रकार का निर्माण या बदलाव नहीं किया जा सकता है। साथ ही इन्हें किराए पर नहीं दिया जा सकता है। इसके अलावा मांस, मदिरा की दुकानें संचालित करने की अनुमति भी नहीं है। कुछ दुकानदारों को नोटिस दिए गए हैं। जिन्होंने भी अवैध निर्माण किए हैं, उन्हें तोड़ा जाएगा, नियम विरुद्ध संचालन पर भी कार्रवाई करेंगे।
प्रीति यादव, निगमायुक्त, जबलपुर
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