टूर एंड ट्रेवल्स कारोबारियों की मानें तो टूरिस्ट बुकिंग ही नहीं करा रहे हैं, नॉर्थ और नॉर्थ ईस्ट टूरिज्म का कुछ पार्ट अब साउथ की ओर जा रहा है। जबकि वहां भी गर्मी का मौसम है। वहीं जून माह के लिए भी पर्यटकों के मन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश में पड़े इस साइड इफेक्ट से करीब 20 करोड़ का घरेलू कारोबार प्रभावित होने की संभावना है।
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- नॉर्थ इंडिया के जम्मू-कश्मीर सहित लद्दाख, नैनीताल, देहरादून, मसूरी, कुल्लू-मनाली, शिमला, औली और सिक्किम।
- नॉर्थ ईस्ट इंडिया में शिलांग, तवांग, गंगटोक, दार्जिलिंग, चेरापूंजी।
- प्रदेश के टूरिज्म कारोबार को तगड़ी चोट
प्रदेश के टूरिज्म कारोबार को तगड़ी चोट
भारत-पाकिस्तान के तनाव(India-Pakistan tensions)
के बीच मध्यप्रदेश के टूरिस्ट अब ठंडी जगहों पर नहीं जा रहे हैं। मई का आधा महीना निकल चुका है और जून में भी पर्यटकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी है। ऐसा लग रहा है कि पूरा सीजन ही खराब हो जाएगा। टूरिज्म कारोबार पूरी तरह से ठप है। हालांकि कुछ टूरिस्ट ने साउथ के हिल स्टेशन जाने की मांग की है। प्रदेश के डोमेस्टिक टूरिज्म में करीब 20 करोड़ का प्रभावित होने की उम्मीद है। इस बीच तुर्किए और अजरबैजान का बायकॉट करते हुए बुकिंग भी कैंसिल कर दी हैं। – हेमेन्द्र सिंह जादौन, अध्यक्ष, ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टाई) एमपी-सीजी
कश्मीर की 50 बुकिंग कैंसिल
टूर एंड ट्रैवल संचालक प्रशांत सिंघल ने बताया कश्मीर सेक्टर की सारी बुकिंग्स ठप हो गई हैं। समर सीजन में हमारा काम सबसे ज्यादा होता था। मई-जून माह के लिए हमारी कश्मीर की 50 बुकिंग थी सभी ने कैंसिल कर दी हैं। साथ ही दूसरी ठंडी जगहों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है, जबकि समर सीजन में होटल बुकिंग आदि के रेट्स भी इस बार नहीं बढ़े हैं। ठंडी जगहों पर जाने वाले टूरिस्ट में 90 फीसदी से अधिक की कमी देखी जा रही है। ऐसा पहली बार ही हुआ है।
कैट ने बहिष्कार का शुरू किया अभियान
कैट ने प्रदेश में व्यापारियों और लोगों से तुर्की और अजरबैजान की यात्रा और वहां के सामान का बहिष्कार करने की अपील की है। कैट ने यह कदम इन देशों द्वारा भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देने पर उठाया है। कैट प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र जैन ने कहा कि हमने ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटरों से संपर्क किया है। इसका असर भी देखने मिल रहा है। वर्ष 2024 में भारत से लगभग 3 लाख पर्यटक तुर्की गए थे। एक भारतीय पर्यटक का औसतन वहां 972 डॉलर खर्च करता है। नतीजा भारतीय पर्यटकों से तुर्की को 291.6 मिलियन डॉलर मिलते हैं। अजरबैजान में भी पिछले वर्ष लगभग 2.5 लाख भारतीय पर्यटक गए। एक भारतीय पर्यटक से उसे 1276 डॉलर मिलते हैं। लिहाजा भारतीय पर्यटकों से उसे 308 मिलियन डॉलर मिले।
तुर्किए और अजरबैजान के टूर का बायकॉट
तुर्किये और अजरबैजान ने पाकिस्तान का समर्थन किया था। उसे देखते हुए इन दोनों ही जगह का प्रमोशन और बुकिंग बंद कर दी है। तनाव के बीच ट्रेवल्स एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने ये फैसला लिया है। टूर एंड ट्रेवल्स ऑपरेटर के मुताबिक तुर्किए और अजरबैजान जाने का यह सही समय होता है इसलिए अधिकतर टूरिस्ट ने लगभग 1 से डेढ़ महीने पहले ही ट्रैवल एजेंट्स के जरिए बुकिंग करा ली थी, लेकिन सभी को कैंसिल करके जॉर्जिया, यूरोप, थाइलैंड, वियतनाम की बुकिंग की जा रही है। तुर्किए का औसत पैकेज प्रति व्यक्ति १ लाख तो अजरबैजान का प्रति व्यक्ति औसत पैकेज 80 हजार आता है। इस बीच दुबई जाने वालों के लिए 6 दिन की ट्रिप प्रति व्यक्ति सिर्फ 75 हजार में दी जा रही है। दूसरी जगहों के लिए भी रेट्स में कमी देखी जा रही है।