जस्टिस संजीव सचदेवा और विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने कहा, याचिकाकर्ता को दी गई सजा पर तीन माह में पुनर्विचार किया जाए। उसकी गलती इतनी बड़ी नहीं थी कि उसे नौकरी से निकाला जाए। कोर्ट ने उसे तत्काल बहाल करने के निर्देश दिए। हालांकि, उसे नो-वर्क, नो-पे के आधार पर बैकवेजेस नही मिलेंगे।
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भोपाल निवासी ड्राइवर विजय सिंह भदौरिया ने 2008 में याचिका लगाई थी। कहा था-वह जिला कोर्ट भोपाल में पदस्थ था। 2006 में इलाहाबाद हाईकोर्ट तत्कालीन जज भोपाल आए थे। उनकी सेवा में उसकी ड्यूटी थी। 19-20 नवंबर की रात जस्टिस को स्टेशन ले जाना था। साइकिल पंचर हो गई, वह देर से पहुंचा और जस्टिस की ट्रेन छूट गई। शराब के नशे में होने का आरोप लगाया था।