ये है पूरा मामला
युगलपीठ ने इस बात को सही माना कि 4 मई को परीक्षा के दिन केंद्रों पर बिजली गई थी। कहा कि आमतौर पर मई के पहले सप्ताह में मानसून नहीं आता, इसलिए इस तरह की स्थिति की कल्पना नहीं की जा सकती थी। ये अचानक बनी स्थिति थी। कोर्ट ने इस दौरान एनटीए के द्वारा कोई भी फैसला लेने के पहले एक कमेटी बनाकर छात्रों के प्रदर्शन की स्थिति का आकलन किया, जिसमें कमेटी ने परीक्षा केंद्रों के रिजल्ट का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए माना कि बिजली गुल होने से छात्रों को परीक्षा देने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के परीक्षा दोबारा कराने के फैसले को, जिसके आधार पर छात्रों ने केस दायर किया था, उसकी व वर्तमान परिस्थिति में अंतर बताते हुए फैसले को पलट दिया।
मेल के जरिए छात्रों को भेजा रिजल्ट
हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे शुक्रवार शाम को जारी कर दिया। हाईकोर्ट(MP High Court) का फैसला आने के बाद शाम 6 बजे एनटीए ने रिजल्ट भी घोषित कर दिया। छात्रों को मेल के जरिए उनका रिजल्ट भेजा गया। जिला प्रशासन रखे ये व्यवस्था…
- कोर्ट ने भविष्य में इस तरह की स्थिति न बने, इसके लिए निर्देश दिए…
- एनटीए के साथ प्रत्येक जिले के स्थानीय प्रशासन परीक्षा को लेकर सभी उपाय सुनिश्चित करें। विशेष रूप से बिजली की निरंतर आपूर्ति और वैकल्पिक बिजली आपूर्ति की व्यवस्था।
- छात्रों के बैठने की उचित व्यवस्था, हवा और शीतलन की उपलब्धता व अन्य व्यवस्था।
- स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह उन केंद्रों की सूची तैयार करे, जिनका उपयोग किसी भी एजेंसी द्वारा इस प्रकार की महत्वपूर्ण परीक्षाओं के लिए किया जा सके।