सीएम माझी ने मृतक छात्रा के परिवार को देंगे 20 लाख
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बालासोर की छात्रा की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। सीएम माझी ने मृतक छात्रा के परिवार को 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वान दिया है।
विपक्ष ने मांगा सीएम माझी से इस्तीफा
कांग्रसे नेता रामचंद्र कदम ने कहा कि डबल इंजन सरकार के शासन में जंगल राज कायम हो गया है। हमने विधानसभा में बार-बार महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक तक, सभी को इस मामले की जानकारी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
कांग्रेस ने किया ‘बंद’ का आह्वान
कांग्रेस ने ओडिशा में 17 जुलाई को राज्यव्यापी ‘बंद’ का आह्वान किया है। यौन उत्पीड़न की शिकार छात्रा ने 12 जुलाई को आत्मदाह की कोशिश की। गंभीर स्थिति होने के कारण तीन दिन बाद छात्रा की मौत हो गई है। कांग्रेस ने छात्रा की मौत के बाद ओडिशा की भाजपा सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भक्त चरण दास और 8 राजनीतिक दलों के नेताओं ने मंगलवार को कांग्रेस भवन में एक संयुक्त प्रेस वार्ता की। इस दौरान कांग्रेस ने 8 अन्य राजनीतिक दलों के साथ 17 जुलाई को राज्यव्यापी ‘बंद’ का ऐलान किया।
राहुल गांधी ने सिस्टम को बताया दोषी
बालासोर की घटना पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ओडिशा में इंसाफ के लिए लड़ती एक बेटी की मौत सीधे-सीधे सिस्टम द्वारा की गई हत्या है। कांग्रेस सांसद ने एकस पर लिखा, उस बहादुर छात्रा ने यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन न्याय देने के बजाय उसे धमकाया गया, प्रताड़ित किया गया और बार-बार अपमानित किया गया। जिन्हें उसकी रक्षा करनी थी, वही उसे तोड़ते रहे। हर बार की तरह भाजपा का सिस्टम आरोपियों को बचाता रहा और एक मासूम बेटी को खुद को आग लगाने पर मजबूर कर दिया।
यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सिस्टम की हत्या है: CPI(M)
सीपीआई(एम) के ओडिशा राज्य सचिव सुरेश चंद्र पाणिग्रही ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे नैतिक पतन और संस्थागत विफलता का परिणाम बताते हुए कहा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सिस्टम की हत्या है। कॉलेज के प्राचार्य और लेक्चरर की लापरवाही के साथ-साथ जिला प्रशासन और सरकार की उदासीनता इस घटना के लिए जिम्मेदार है।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि 20 वर्षीय यह छात्रा कॉलेज परिसर में खुद को आग लगाने के बाद बीते कुछ दिनों से भुवनेश्वर के एम्स में भर्ती थी, जहां सोमवार देर रात उनकी मौत हो गई। छात्रा को 12 जुलाई को बालासोर जिला अस्पताल से रेफर किया गया था। उसे आईवी सपोर्ट, वेंटिलेशन, एंटीबायोटिक्स और रीनल थैरेपी जैसी सभी जरूरी मेडिकल सुविधाएं दी गईं। वह 90 प्रतिशत जल गई थी। अस्पताल ने बताया कि इलाज के दौरान छात्रा ने 14 जुलाई रात 11:46 बजे दम तोड़ दिया।
लंबे समय से की जा रही थी यौन उत्पीड़न की शिकायत
छात्रा अपने विभागाध्यक्ष के खिलाफ लंबे समय से यौन उत्पीड़न की शिकायत कर रही थी। आरोप है कि न तो कॉलेज प्रिंसिपल और न ही अन्य जिम्मेदार अधिकारियों ने उसकी शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई की। उसे लगातार धमकाया और अपमानित किया जा रहा था। परेशान होकर उसने यह कदम उठाया।