Tejas Mark-1A के लिए अमेरिका से भारत पहुंचे इंजन, निर्माण में तेजी आएगी, हल्के फाइटर जेट से बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत
HAL Tejas Mark-1Aअमेरिका कंपनी ने भारत को स्वेदेशी जेट फाइटर प्लेन के लिए इंजन की सप्लाई शुरू कर दी है। स्वदेशी हल्के फाइटर जेट के निर्माण भारतीय वायुसेना की ताकत में अभूतपूर्व इजाफा हो जाएगा।
अमेरिका से भारत पहुंचे तेजस मार्क-1ए के लिए इंजन. (Photo: IANS)
Tejas Mark-1AHAL: भारतीय फाइटर जेट तेजस मार्क-1ए के निर्माण में अब तेजी आएगी। इस लड़ाकू विमान के लिए अमेरिकी कंपनी ने भारत को जेट इंजन की सप्लाई शुरू कर दी है। स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LAC) तेजस मार्क-1ए (Tejas Mark-1A) के लिए सोमवार को भारत को जीई-404 इंजन (JE-404-Engine) प्राप्त हुआ।
रक्षा अधिकारियों के मुताबिक यह अमेरिकी कंपनी से मिला दूसरा जेट इंजन है। सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय विमानन कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) तेजस का निर्माण कर रही है। जानकारी के मुताबिक एचएएल को इस वित्त वर्ष के अंत तक कुल 12 जीई-404 इंजन मिलने हैं। ये सभी इंजन भारतीय लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1ए में लगाए जाएंगे।
भारतीय वायुसेना की शिकायत जल्द होगी दूर
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने अपनी फ्लीट के लिए 83 एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है। दरअसल भारतीय वायुसेना को नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है। इसके लिए वायुसेना ने स्वदेशी लड़ाकू का विकल्प चुना है। इन लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में हो रही देरी को लेकर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह विभिन्न मौकों पर अपनी बात भी रख चुके हैं। उन्होंने एलसीए मार्क-1ए की लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में हो रही देरी को स्वीकार किया और इसको लेकर चिंता व्यक्त की थी। माना जा रहा है कि अब वायुसेना को जल्द नए विमानों की आपूर्ति की जा सकेगी।
भारत में ही बनाए जा रहे लड़ाकू विमान
गौरतलब है कि ये स्वदेशी लड़ाकू विमान आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत में ही बनाए जा रहे हैं। इन विमानों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के द्वारा किया जा रहा है। एचएएल ने एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में हो रही देरी को लेकर कहा था कि वे एयरफोर्स की चिंताओं से वाकिफ हैं। एचएएल को इंजन का इंतजार था। अब अमेरिका से इंजन मिलना शुरू हो गया है। इस साल (2025-26) में कुल एक दर्जन एविएशन इंजन मिल जाएंगे। ऐसे में वायुसेना को एलसीए मार्क-1ए की सप्लाई जल्द शुरू हो जाएगी। भारतीय वायुसेना ने 83 तेजस एमके-1ए का ऑर्डर एचएएल को दिया है।
विमानों के इंजन नहीं मिलने से आपूर्ति में देरी हुई: HAL
एचएएल का कहना है कि विदेश से इंजन न मिलने के कारण इन विमानों की आपूर्ति में देरी हुई। ऐसे समय में जब भारतीय वायुसेना की स्क्वाड्रन तेजी से कम हो रही हैं तो अब एलसीए के मार्क-1ए वर्जन की सप्लाई से स्थिति बेहतर हो सकती है। इससे वायुसेना की क्षमता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
वायुसेना के पास दो Tejas Mark-1A की स्क्वाड्रन मौजूद
दरअसल रक्षा मंत्रालय स्वदेशी एलसीए प्रोजेक्ट को वायुसेना की मुख्य ताकत बनाने में जुटा है। यानी वायु सेना के लिए ज्यादा से ज्यादा एलसीए की स्क्वाड्रन उपलब्ध कराई जाएंगी। फिलहाल, वायुसेना के पास दो एलसीए-तेजस (मार्क-1) की स्क्वाड्रन है जिन्हें तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर तैनात किया गया है। केंद्र सरकार ने मार्क-1ए के कुल 83 विमानों की मंजूरी दी है। इसके अलावा 97 अतिरिक्त विमानों के लिए योजना बनाई गई है। कुल 220 एलसीए विमान, वायुसेना के मिग-21, मिग-29 और मिराज की जगह लेंगे, जो अब पुराने हो चुके हैं। इसके साथ ही सरकार ने एलसीए के मार्क-2 वर्जन यानी मीडियम वेट फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए भी मंजूरी दी है।
(स्रोत-आईएएनएस)
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