क्या है पूरा मामला
11 जुलाई की रात को सांवेर थाना प्रभारी गिरिजाशंकर महोबिया ने सूचना के आधार पर सांवेर थाना क्षेत्र के थिराखेड़ी कांकड़ पर स्थित सरपंच पप्पू डाबी के फॉर्म हॉउस के गोदाम में अवैध रूप से चलाई जा रही पटाखा फैक्ट्री पर छापा मारा था। यहां से पुलिस ने 12 बोरियों में अवैध रूप से रखा हुआ 360 किलो बारूद और उसके साथ सुतली बम बनाने की 21 बंडल सुतली, 10 किलो एल्युमिनियम पावडर और 4 किलो सल्फर के साथ ही बड़ी मात्रा में तैयार सुतली बम बरामद कर जब्ती में लिया था। जब गोदाम मालिक सरपंच पप्पू डाबी द्वारा बताया गया कि उनने फॉर्म हॉउस का गोदाम समाजवादनगर इंदौर निवासी रमेशसिंह पिता मादूसिंह को किराए पर दे रखा है। रमेशसिंह के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। (llegal firecracker factory)
किरायेदार इंदौर में बेचता है फल और सब्जी
पप्पू डाबी ने जिस रमेशसिंह को अवैध पटाखा फैक्ट्री का चलाने वाला और किराएदार बताया था, उसे जब पुलिस ने पकड़ा तो दिलचस्प बात सामने आई कि रमेश तो इंदौर में फल-सब्जी का ठेला लगाने वाला है। उसे तो पप्पू डाबी द्वारा करवाए गए एग्रीमेंट किरायेदार के रूप में मोहरा बनाया गया था। पटाखा फैक्ट्री लगाने वाला तो अमन सारडा निवासी तिरुपति नगर, एरोड्रम रोड इंदौर है। अमन ने अपने साथ साजन मांझे निवासी इंदौर को मिलकर यह अवैध पटाखा फैक्ट्री शुरु की थी। रमेश को इन्होंने ही किरायेदार के रूप में मोहरा बनाया था। पुलिस ने अब मुख्य आरोपी अमन सारडा को बनाया है। आरोपी के अनुसार, पटाखा फैक्ट्री खोले जाने की जानकारी सरपंच पप्पू डाबी को थी इसलिए डाबी को तो आरोपी बनाया ही गया है। साथ ही पुलिस ने पालदा इंदौर के मनोज कोठारी को भी जिससे कि सुतली बम बनाने का बारूद और सामग्री यह लोग खरीदते थे, आरोपी बनाया गया है।