सिंहस्थ 2028 को लेकर इंदौर में तैयारियां शुरू हो गई हैं। उज्जैन की ओर जाने वाली अहम सड़क एमआर-10 पर बने रेलवे ओवर ब्रिज पर बॉटल नेक की स्थिति रहती है, क्योंकि यहां रेलवे ओवर ब्रिज 4 लेन का है, जबकि बाकी सड़क 8 लेन की है। आइडीए ने यहां 8 लेन बनाने का प्रस्ताव रेलवे को भेजा था, जिसे हाल ही में रेलवे ने मंजूरी दी। आइडीए 15 दिन में ठेकेदार कंपनी का चयन कर लेगा। 18 माह में ठेकेदार कंपनी काम पूरा करेगी।
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विजय नगर सहित शहर के पूर्वी क्षेत्र को एयरपोर्ट और उज्जैन रोड से जोड़ने में एमआर-10 सड़क अहम है। यहां 50 हजार से अधिक वाहन नियमित रूप से आते-जाते हैं। दो दशक पहले आइडीए ने रेलवे ओवर ब्रिज बनवाया था और 17 साल तक टोल लिया गया।
उत्तरी हिस्से में बनेगा ब्रिज
एमआर-10 के दक्षिणी हिस्से में मेट्रो ट्रेन का ट्रैक व स्टेशन बनाया गया है। 8 लेन रेलवे ओवर ब्रिज उत्तरी हिस्से में बनेगा। यानी लवकुश चौराहे से विजय नगर आने वाले रास्ते के बाईं तरफ होगा। मौजूदा मार्ग लवकुश चौराहे की ओर जाने वाला हो जाएगा। ये भी पढें –
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27 लाख रुपए जमा कराई फीस
रेलवे ट्रैक के ऊपर ब्रिज बनाने में कठिन काम रेलवे की मंजूरी होता है। कुछ महीने पहले आइडीए ने 27 लाख फीस जमा कराई। इस पर रेलवे ने जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग को मंजूरी दी। इसकी लंबाई 713.5 मीटर, चौड़ाई 14.50 मीटर तो रेलवे के ऊपर का हिस्सा 18 मीटर रहेगा। रेलवे के ऊपर का हिस्सा रेलवे ही बनाता है।
एमआर-10 के रेलवे ओवर ब्रिज को 8 लेन किया जा रहा है। वर्तमान के फोर लेन ओवर ब्रिज के साथ 4 लेन और बनाई जाएगी। इसका टेंडर जारी कर दिया है। 2026 के अंत तक ठेकेदार कंपनी को काम पूरा करना होगा। -आरपी अहिरवार, सीईओ, आइडीए