मोटापा और मेटाबोलिक सिंड्रोम भी बढ़ा खतरा
नड्डा ने बताया कि IT वर्कर्स में 71% मोटापे के शिकार हैं, और एक तिहाई से ज्यादा को मेटाबोलिक सिंड्रोम है, यानी ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं जो डायबिटीज, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाती हैं।
ग्रामीण इलाकों में भी फैल रही है फैटी लिवर की बीमारी
यह बीमारी सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं है। नड्डा ने बताया कि राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में भी 37.19% लोग फैटी लिवर से प्रभावित हैं, जो Indian Council of Medical Research (ICMR) की ताजा स्टडी में सामने आया है।
सरकार की तरफ से जागरूकता अभियान शुरू
लोगों को जागरूक करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया पर बड़े स्तर पर कैंपेन शुरू किए हैं। FSSAI (फूड सेफ्टी विभाग) ने छोटे-छोटे वीडियो और पब्लिक अवेयरनेस मटेरियल तैयार किए हैं ताकि लोग लिवर की सेहत को लेकर सचेत हो सकें।
योगा ब्रेक सेफिस में बैठे-बैठे सेहत का ध्यान
IT जॉब्स में लोगों को घंटों बैठना पड़ता है, जिससे सेहत पर असर पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए AYUSH मंत्रालय ने 5 मिनट का Yoga Break शुरू किया है। इसमें आसान योगासन, प्राणायाम और ध्यान शामिल हैं, जो ऑफिस में भी किए जा सकते हैं। स्वस्थ रहने के लिए सरकार की सलाह
नड्डा ने बताया कि सरकार की ओर से NP-NCD (Non-Communicable Diseases रोकथाम प्रोग्राम) के तहत कुछ जरूरी सलाह दी गई हैं:
- शक्कर और तले हुए खाने से बचें
आयुर्वेद और एलोपैथी मिलाकर बनी नई गाइडलाइन
सेहत की समग्र देखभाल के लिए अब सरकार ने एकीकृत क्लीनिकल गाइडलाइन जारी की है जिसमें आयुर्वेद और मॉडर्न साइंस दोनों को मिलाकर रोग की रोकथाम और इलाज की सलाह दी गई है।
गांव-शहर सभी में जांच और इलाज की व्यवस्था करें
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा गया है कि वे कम्युनिटी लेवल पर स्क्रीनिंग और रेफरल सिस्टम लागू करें, ताकि बीमारियों का जल्द पता लग सके और समय पर इलाज हो सके।
वर्कप्लेस हेल्थ को लेकर बड़ा अलर्ट
नड्डा ने बताया कि वर्कप्लेस हेल्थ एडवाइजरी और मंत्रालयों के बीच तालमेल बहुत ज़रूरी है ताकि कंपनियों और कर्मचारियों की सेहत को सुरक्षित रखा जा सके। खासकर IT सेक्टर जैसे क्षेत्रों में, जहां तनाव, देर तक काम और कम शारीरिक गतिविधि आम है।