Side Effects Of Peanuts: मूंगफली का सेवन लिवर और किडनी के लिए हो सकता है नुकसानदायक, जानें सच्चाई
Side Effects Of Peanuts: मूंगफली एक प्रोटीन से भरपूर सुपर फ़ूड है, लेकिन इसके सेवन से कुछ लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं मूंगफली के सेवन से जुड़े संभावित दुष्प्रभावों के बारे में।
Side Effects Of Peanuts:मूंगफली एक पौष्टिक आहार है, लेकिन इसके सेवन से कुछ लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। विशेष रूप से, लिवर और किडनी की समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए मूंगफली का सेवन हानिकारक हो सकता है।मूंगफली में कुछ तत्व और एलर्जेंस होते हैं जो शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं। इनमें अफ्लाटॉक्सिन और ऑक्सलेट जैसे तत्व शामिल हैं, जो लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि मूंगफली कैसे किडनी और लिवर के लिए हानिकारक हो सकती है।
मूंगफली में अफ्लाटॉक्सिन नामक फंगस पाया जा सकता है, जो खराब स्टोरेज या नमी की वजह से पनपता है। यह फंगस लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है और लंबे समय तक अधिक मात्रा में सेवन करने से लिवर कैंसर तक का खतरा बढ़ सकता है।
किडनी स्टोन का खतरा
मूंगफली में ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी में जमा होकर पथरी का कारण बन सकती है। यह खासकर उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है, जिन्हें पहले से किडनी स्टोन की समस्या रही हो।
ज्यादा प्रोटीन और फैट्स
मूंगफली में प्रोटीन और फैट्स की मात्रा अधिक होती है। अधिक सेवन करने से किडनी पर ज्यादा दबाव पड़ सकता है, खासकर उन लोगों में जिनकी किडनी पहले से कमजोर हो या जिन्हें क्रॉनिक किडनी डिजीज हो।
कुछ लोगों को मूंगफली से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर चकत्ते, सूजन, पाचन समस्याएं या गंभीर मामलों में एनाफिलेक्सिस जैसी प्रतिक्रिया हो सकती है।
सावधानियां और सही तरीका
-मूंगफली को भिगोकर खाएं। इससे पाचन बेहतर होता है और इसमें मौजूद एंटी-न्यूट्रिएंट्स कम हो जाते हैं। -सीमित मात्रा में मूंगफली का सेवन करें। दिन में 20–30 ग्राम मूंगफली का सेवन सुरक्षित माना जाता है।
-साफ, सूखी और ताजी मूंगफली का ही उपयोग करें। इससे अफ्लाटॉक्सिन की समस्या से बचा जा सकता है। -एलर्जी की जांच करें। अगर आपको मूंगफली से एलर्जी है, तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।