हाल ही में हुए एक महत्वपूर्ण अध्ययन ने इस बात पर रोशनी डाली है कि कैसे रेस्तरां के मेन्यू पर नमक की चेतावनी वाले लेबल आपकी जान बचा सकते हैं। लिवरपूल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं जिसे द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
Salt Warning Labels on Restaurant Meal : दिल और किडनी के दुश्मनों से बचाव का नया तरीका
हम सभी जानते हैं कि अत्यधिक नमक का सेवन हमारे शरीर के लिए कितना हानिकारक है। यह उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), हृदय रोग (Heart Disease) और किडनी की समस्याओं का एक प्रमुख कारण है। लेकिन क्या आपको पता है कि रेस्तरां में मिलने वाले कई व्यंजनों में नमक की मात्रा इतनी अधिक होती है कि वह आपकी दैनिक आवश्यकता से कई गुना ज्यादा हो सकती है। इस नए शोध से यह साबित हुआ है कि जब ग्राहकों को मेन्यू में नमक की मात्रा के बारे में चेतावनी लेबल दिखाए जाते हैं तो वे स्वाभाविक रूप से कम नमक वाले विकल्प चुनते हैं। यह एक छोटा सा बदलाव है लेकिन इसके परिणाम बहुत बड़े हो सकते हैं।
Salt Warning Labels : कैसे काम करती है यह नमक चेतावनी
यह अध्ययन अपनी तरह का पहला ऐसा शोध है जिसमें यह तुलना की गई कि नमक चेतावनी लेबल वाले मेन्यू देखने वाले लोग और बिना लेबल वाले मेन्यू देखने वाले लोग खाने के ऑर्डर में क्या अंतर लाते हैं। चेतावनी लेबल लोगों को ज्यादा नमक वाले व्यंजन चुनने से रोकते हैं नमक की मात्रा के प्रति उनकी जागरूकता बढ़ाते हैं और ऑर्डर किए गए नमक की मात्रा को काफी कम करते हैं। मुख्य शोधकर्ता डॉ. रेबेका इवांस बताती हैं, यह अध्ययन दर्शाता है कि मेन्यू पर नमक चेतावनी लेबल लोगों को स्वस्थ विकल्प चुनने में मदद करते हैं। अत्यधिक नमक का सेवन आहार से जुड़ी बीमारियों का एक बड़ा कारण है और इस तरह की लेबलिंग पॉलिसी लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
एक चुटकी नमक और 18.9 लाख मौतें: विश्व स्वास्थ्य संगठन का अलर्ट
क्या आप जानते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हमें प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक (लगभग एक चम्मच से कम) या 2 ग्राम से कम सोडियम का सेवन करना चाहिए? इससे ज्यादा नमक खाना हमारी सेहत पर भारी पड़ सकता है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि हर साल 18.9 लाख मौतें अधिक नमक के सेवन से होती हैं। यह आंकड़ा वाकई डरावना है। अत्यधिक नमक के सेवन से शरीर में पानी का जमाव (Water Retention), ब्लड प्रेशर में वृद्धि, स्ट्रोक, हृदय रोग, किडनी रोग, ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) और मोटापा जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। रेस्तरां में मिलने वाले कई व्यंजन, खासकर प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (Processed Foods) और फास्ट फूड, में सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिससे आप अनजाने में ही तय सीमा से ज़्यादा नमक का सेवन कर लेते हैं।
Salt Warning Labels : ऑनलाइन और असल रेस्तरां में मिला सकारात्मक परिणाम
इस शोध को ऑनलाइन और एक वास्तविक रेस्तरां सेटिंग, दोनों जगहों पर परखा गया. वास्तविक रेस्तरां में 454 लोगों ने हिस्सा लिया, जहाँ चेतावनी लेबल वाले मेन्यू देखने वालों ने औसतन 12.5 प्रतिशत (0.54 ग्राम) कम नमक ऑर्डर किया। वहीं, ऑनलाइन सर्वे में 2,391 लोगों ने भाग लिया जहां लेबल ने नमक के ऑर्डर को प्रति भोजन 0.26 ग्राम कम किया। डॉ. इवांस का मानना है कि यह अध्ययन दिखाता है कि खरीदारी के समय छोटे-छोटे बदलाव भी स्वस्थ विकल्पों को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
आपकी सेहत, आपकी पसंद: अब सरकार की बारी
यह अध्ययन स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि रेस्तरां मेन्यू पर नमक चेतावनी लेबल लगाना एक प्रभावी जन स्वास्थ्य नीति हो सकती है। इससे न केवल ग्राहकों को बेहतर विकल्प चुनने में मदद मिलेगी बल्कि यह हृदय और किडनी संबंधी बीमारियों के बोझ को भी कम कर सकता है। भारत में भी इस तरह की पहल की सख्त जरूरत है। क्या आपको नहीं लगता कि सरकार और खाद्य उद्योग को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए? आपकी सेहत आपके हाथ में है लेकिन सही जानकारी और उचित लेबलिंग से यह चुनाव और भी आसान हो सकता है।
अगली बार जब आप बाहर खाना खाने जाएं तो याद रखें। आपके मेन्यू पर एक छोटा सा लेबल आपकी जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला बदलने की ताकत रखता है।