एक रिसर्च (CARDIA स्टडी) में पता चला कि हमारी तेज-तर्रार शारीरिक एक्टिविटी (जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना, तैरना) लगभग 12 साल पहले ही घटने लगती है, और आखिरी 2 साल में ये गिरावट और तेज हो जाती है। समस्या ये है कि लोग इसे उम्र बढ़ने का नॉर्मल असर समझ लेते हैं, जबकि ये दिल के लिए खतरे का शुरुआती अलार्म हो सकता है। अगर इसे जल्दी पकड़ लिया जाए, तो स्क्रीनिंग, लाइफस्टाइल चेंज और मेडिकेशन से बड़े दिल के दौरे को रोका जा सकता है।
क्यों कम होती है एक्टिविटी?
जब हम पहले जैसे एक्टिव नहीं रहते, तो शरीर में कई बदलाव शुरू हो जाते हैं:
- दिल की ताकत कम होना – दिल का ब्लड पंप करने की क्षमता घटती है।
- ब्लड वेसल्स कमजोर होना – नसों का फ्लो खराब होता है और प्लाक बनने लगता है।
- मोटापा और शुगर का खतरा – कम चलने-फिरने से वजन, कोलेस्ट्रॉल और शुगर बढ़ते हैं।
- सूजन और हार्ट रेट का असंतुलन – दिल पर छुपा-छुपा दबाव बढ़ता है।
किन लोगों पर ज्यादा असर?
रिसर्च में पाया गया कि उम्र के साथ सभी में एक्टिविटी घटती है, लेकिन कुछ ग्रुप्स जैसे ब्लैक महिलाओं में ये स्तर पहले से ही कम और लगातार गिरता रहता है। इसका मतलब है कि प्रिवेंशन के लिए सबको एक जैसे नुस्खे देने के बजाय अलग-अलग ग्रुप्स के हिसाब से सपोर्ट देना पड़ेगा।
फिट रहने के आसान टिप्स
- हफ्ते में कम से कम 150 मिनट मीडियम-लेवल एक्टिविटी करें, या 75 मिनट हाई-इंटेंसिटी।
- एक्टिविटी को दिनभर में छोटे-छोटे हिस्सों में बांट लें।
- जो मजेदार लगे, वही करें – डांस, साइकिल, तैरना, स्पोर्ट्स।
- रोजमर्रा में मूवमेंट बढ़ाएं – सीढ़ियां लें, वॉक करें, गाड़ी थोड़ी दूर पार्क करें।
- प्रोग्रेस ट्रैक करें – ऐप्स, फिटनेस बैंड, या सिंपल नोटबुक में हफ्ते की एक्टिविटी लिखें।