Exercise Safe During Pregnancy : क्या कहती है नई रिसर्च? पुरानी बातें हुई पुरानी
ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी के धुरंधर वैज्ञानिकों ने एक ताजा रिसर्च की है, जिसे ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में छापा गया है। यह रिसर्च बताती है कि अगर गर्भवती महिलाएं थोड़ी सावधानी बरतें, तो वे गर्म मौसम में भी बेझिझक एक्सरसाइज कर सकती हैं, स्पा या सॉना बाथ ले सकती हैं और इससे बच्चे को रत्ती भर भी खतरा नहीं होता। प्रोफेसर ओली जे, जिन्होंने इस रिसर्च को लीड किया है बताते हैं कि बहुत सी महिलाएन गर्मी के डर से एक्सरसाइज़ नहीं करतीं, उन्हें लगता है कि कहीं बच्चे को कुछ हो न जाए। लेकिन इस रिसर्च में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे यह साबित हो कि गर्मी में की गई एक्सरसाइज या सॉना बाथ से कोई नुकसान होता है।
रिसर्च में क्या-क्या सामने आया?
इस धमाकेदार रिसर्च के लिए 347 गर्भवती महिलाओं पर 12 अलग-अलग स्टडीज की गईं। इसमें यह देखा गया कि जब ये महिलाएं गर्मी में एक्सरसाइज़ करती हैं या सॉना बाथ लेती हैं, तो उनके शरीर पर क्या असर पड़ता है। एक्सरसाइज की आज़ादी: शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्भवती महिलाएं 25 डिग्री सेल्सियस तापमान और 45% नमी में भी, अपनी अधिकतम हृदय गति के 80 से 90 प्रतिशत तीव्रता पर, करीब 35 मिनट तक एक्सरसाइज़ कर सकती हैं। और सबसे अच्छी बात इससे बच्चे पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता तो अब आप आराम से वॉक करें या हल्की-फुल्की कसरत, बस ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा थकावट न हो।
पानी में मस्ती भी सेफ: अगर आपको तैराकी या एक्वा एरोबिक्स पसंद है,तो आपके लिए भी गुड न्यूज है! 33.4 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान वाले पानी में 45 मिनट तक ये गतिविधियाँ करना पूरी तरह से सुरक्षित पाया गया है। गर्मियों में पानी में एक्सरसाइज़ करना तो और भी ताजगीभरा लगता है!
सॉना बाथ और हॉट टब का मजा: जो महिलाएं हॉट टब या सॉना बाथ पसंद करती हैं उनके लिए भी खुशखबरी है। रिसर्च के मुताबिक, गर्भवती महिलाएं 40 डिग्री सेल्सियस के गर्म पानी के टब में या 70 डिग्री सेल्सियस के सॉना बाथ (जहां नमी केवल 15% हो) में 20 मिनट तक बैठ सकती हैं। इस पूरी रिसर्च के दौरान किसी भी महिला के शरीर का तापमान उस हद तक नहीं बढ़ा जिसे खतरनाक माना जाए। ज्यादातर मामलों में तापमान सुरक्षित सीमा से काफी कम ही रहा।
लेकिन सावधानी अब भी जरूरी
हालांकि ये रिसर्च बहुत बड़ी राहत लेकर आई है, लेकिन रिसर्च टीम ने एक बहुत जरूरी बात भी कही है हर महिला की सेहत और शरीर अलग होता है। इसलिए कोई भी नई गतिविधि शुरू करने से पहले या अपनी रूटीन में कोई बड़ा बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है। वे आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के हिसाब से सही सलाह दे पाएंगे। यह रिसर्च उन सभी गर्भवती महिलाओं के लिए एक उम्मीद की किरण है जो अपनी प्रेग्नेंसी में भी एक्टिव रहना चाहती हैं। अब वे बिना किसी डर के सुरक्षित रूप से अपनी पसंदीदा गतिविधियां कर सकती हैं। तो अब बस अपने डॉक्टर से हरी झंडी लें और स्वस्थ गर्भावस्था का आनंद उठाएं।
ians