डॉक्टर थॉमस सेफ्राइड जैसे एक्सपर्ट मानते हैं कि कैंसर सिर्फ एक जेनेटिक बीमारी नहीं है बल्कि यह हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म से जुड़ी हुई है। इसका सीधा मतलब यह है कि हमारी खाने-पीने और रहने की आदतें कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ावा दे सकती हैं। अगर हम इन आदतों को बदल लें तो कैंसर को बढ़ने से रोक सकते हैं। ये कोई जादू नहीं बल्कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े कुछ आसान से बदलाव हैं।
6 Ways to Reverse Cancer : ये 6 तरीके आपके शरीर को कैंसर से लड़ने के लिए तैयार करेंगे
शुगर को टाटा-बाय-बाय: कैंसर की कोशिकाएं शुगर पर पलती हैं। अगर आप अपनी डाइट से शुगर, प्रोसेस्ड फूड और सफेद अनाज हटा देंगे तो कैंसर कोशिकाओं को मिलने वाला खाना बंद हो जाएगा। इसकी जगह हरी सब्जियां, प्रोटीन और हेल्दी फैट खाएं। कीटोजेनिक डाइट : इस डाइट में कार्ब्स कम और हेल्दी फैट्स ज्यादा होते हैं। इससे आपका शरीर एनर्जी के लिए ग्लूकोज की जगह कीटोन का इस्तेमाल करने लगता है। कैंसर की कोशिकाएं कीटोन का इस्तेमाल नहीं कर पातीं जिससे वो कमजोर हो जाती हैं।
थोड़ी देर भूखे रहें: उपवास (fasting) करने से शरीर को खुद की मरम्मत करने का मौका मिलता है। इससे शरीर की पुरानी और खराब कोशिकाएं साफ हो जाती हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग, जैसे दिन में सिर्फ 8 घंटे खाना मेटाबॉलिज्म को ठीक करने का एक आसान तरीका है।
शरीर को एक्टिव रखें: आपको जिम जाने की जरूरत नहीं है बस रोज टहलें या थोड़ा-बहुत योगा करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और शरीर में सूजन कम होती है। कैंसर उन जगहों पर ज्यादा बढ़ता है जहां ऑक्सीजन कम हो इसलिए एक्टिव रहना जरूरी है।
तनाव को दूर भगाएं: लगातार तनाव में रहने से हमारी इम्यूनिटी कमजोर होती है। ध्यान, गहरी सांस लेना, या नेचर में समय बिताना तनाव कम करने में मदद करता है। सूजन कम करने वाला खाना खाएं: प्रोसेस्ड फूड शरीर में सूजन बढ़ाते हैं। अपनी डाइट में हरी सब्जियां, जामुन, हल्दी, लहसुन और जैतून का तेल शामिल करें। ये चीजें सूजन को कम करके कैंसर के लिए खराब माहौल बनाती हैं।
यह सभी तरीके सिर्फ डॉक्टर की सलाह के साथ ही अपनाने चाहिए। ये ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं हैं बल्कि उसके साथ मिलकर काम करते हैं। डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।