पेशाब में बदलाव
किडनी की परेशानी का पहला संकेत पेशाब के पैटर्न में बदलाव है। पेशाब झागदार या बुलबुले जैसा हो सकता है
रंग बदल सकता है या उसमें ब्लड दिखाई दे सकता है। साथ ही पेशाब की मात्रा या बार-बार पेशाब आने की समस्या भी हो सकती है।
शरीर में सूजन
किडनी सही से काम न करने पर शरीर में नमक और पानी जमा होने लगता है जिससे पैरों, टखनों और आंखों के आसपास सूजन आ सकती है। सुबह उठते समय चेहरे पर पफिनेस भी महसूस हो सकती है।
लगातार थकान और कमजोरी
किडनी की क्षमता घटने से खून में टॉक्सिन जमा होते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है। इससे शरीर में लगातार थकान कमजोरी और सुस्ती बनी रहती है भले ही आप पर्याप्त आराम कर लें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
सांस लेने में परेशान होना
किडनी डैमेज की वजह से शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ फेफड़ों में जमा हो सकता है जिससे सांस फूलने लगती है। अगर आपको बिना किसी भारी काम के भी सांस लेने में कठिनाई होती है तो यह किडनी की खराबी का संकेत हो सकता है।
मांसपेशियों में ऐंठन होना
किडनी खराब होने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस बिगड़ जाता है। खासतौर पर कैल्शियम की कमी और फॉस्फोरस के स्तर में गड़बड़ी से मांसपेशियों में खिंचाव और ऐंठन होने लगती है।
ये लक्षण दिखें तो क्या करें?
अगर आपको इनमें से एक या अधिक लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर या नेफ्रोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट और इमेजिंग जांच से किडनी की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। समय रहते इलाज और सही जीवनशैली अपनाने से किडनी की सेहत लंबे समय तक सुरक्षित रखी जा सकती है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?
- संतुलित और कम नमक वाला आहार लें।
- पर्याप्त पानी पिएं, लेकिन डॉक्टर की सलाह के अनुसार।
- ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें।
- प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड से बचें।
- डेली एक्सरसाइज करें और पर्याप्त नींद लें।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।