क्या है वॉटर इंटॉक्सिकेशन (Water intoxication)
वॉटर इंटॉक्सिकेशन (Water Intoxication) तब होता है जब अत्यधिक पानी पीने से शरीर में पानी का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे मस्तिष्क और अन्य शारीरिक कार्यों में रुकावट आती है। ज्यादा पानी पीने से खून में पानी की मात्रा बढ़ जाती है और इससे इलेक्ट्रोलाइट्स, विशेष रूप से सोडियम, का स्तर घट सकता है। जब सोडियम का स्तर 135 मिलीमोल प्रति लीटर से कम हो जाता है, तो इसे हाइपोनेट्रेमिया कहा जाता है।जरूरत से ज्यादा पानी पीने के लक्षण (Symptoms of Drinking Too Much Water)
मांसपेशियों में कमजोरी और ऐंठन (Muscle weakness and cramps)
ज्यादा पानी पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बिगड़ सकता है। इसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी और ऐंठन हो सकती है, क्योंकि इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।मतली (Nausea) और उल्टी (Vomiting)
ओवरहाइड्रेशन के लक्षण डिहाइड्रेशन के समान हो सकते हैं। जब शरीर में अधिक पानी होता है, तो किडनी उसे बाहर नहीं निकाल पाती, जिससे शरीर में पानी इकट्ठा होने लगता है। इस वजह से मतली, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
ज्यादा पानी पीने से सिरदर्द की भी समस्या होती है (Drinking too much water also causes headache)
बहुत अधिक पानी पीने से सिर में दर्द हो सकता है। अधिक पानी से शरीर में नमक का स्तर घट जाता है, जिससे कोशिकाओं में सूजन आ जाती है। यह सूजन मस्तिष्क की कोशिकाओं पर दबाव डालती है, जिससे सिरदर्द हो सकता है और दिमाग के काम करने की क्षमता में कमी आ सकती है।
हाथ, पैर और होठों का रंग बदलना (Discoloration of hands, feet and lips)
हद से ज्यादा पानी पीने पर शरीर में पानी जमा हो सकता है, जिससे हाथ, पैर और होठों में सूजन और रंग परिवर्तन हो सकता है। यह सूजन कोशिकाओं के बढ़ने से होती है, जो त्वचा में परिवर्तन कर सकती है।