रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
जांच रिपोर्ट में सामने आया कि गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़, सिंभावली, धौलाना, पिलखुवा और नगर क्षेत्र के कई स्कूलों की इमारतें बेहद जर्जर हालत में हैं। कुछ स्कूलों की छतें और दीवारें इतनी कमजोर हैं कि कभी भी गिर सकती हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी रितु तोमर द्वारा बुधवार को जिलाधिकारी को सौंपी गई प्रारंभिक रिपोर्ट स्पष्ट नहीं होने पर डीएम ने कलक्ट्रेट में सभी अधिकारियों को बुलाकर दोबारा पूरी रिपोर्ट तैयार करवाई।
37 स्कूल खतरनाक घोषित, ध्वस्तीकरण की तैयारी
अंतिम रिपोर्ट में 37 स्कूलों को खतरनाक घोषित किया गया है। इनमें से कुछ में कक्षा कक्ष, रसोईघर और शौचालयों की हालत बेहद चिंताजनक है। प्रशासन ने इन स्कूलों को जल्द से जल्द ध्वस्त करने का निर्णय लिया है, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
बच्चों को शिफ्ट किया जाएगा सुरक्षित स्कूलों में
इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को पास के सुरक्षित स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। वहीं, पहले से ही ध्वस्तीकरण के लिए चिन्हित 12 स्कूलों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है।
‘कोई लापरवाही नहीं चलेगी’
जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने कहा, “जिन स्कूलों को जर्जर घोषित किया गया है, उनके ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”