बजट गड़बड़ाना तय
जानकारों की माने तो गत वर्ष इन दिनों ईंटों का भाव पांच हजार रुपए प्रति हजार के आसपास था। मई-जून तक इसमें आंशिक बढ़ोतरी ही हुई थी। मगर ईंट भट्टे छह माह के लिए बंद होते ही भाव छह हजार से पार जा चुके हैं। अगले छह माह उत्पादन बंद रहने के कारण भाव सात से आठ हजार के बीच जा सकते हैं। इसका मतलब कि डेढ़ साल की अवधि में ईंटों का भाव तीन हजार रुपए तक बढ़ जाएगा। अंदाजा लगाया जा सकता है कि इससे मकान निर्माण का बजट कैसे गड़बड़ा जाएगा।ऊंचे भाव, नहीं मिलेगा माल
एनजीटी व राज्य सरकार के आदेशानुसार भट्टों का संचालन एक जनवरी से 30 जून तक ही होना है। प्रदूषण नियंत्रण में हमारा पूरा सहयोग रहेगा। हालांकि उत्पादन में कमी के चलते अगले कुछ माह में ईंटों के भाव में दो हजार रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है। छह माह भट्टे चलाकर ईंटों का स्टॉक करना बेहद मुश्किल है। ऊंचे भाव होने के बावजूद अधिकांश भट्टों पर माल नहीं मिलेगा। – प्रेमसिंह सुडा, अध्यक्ष ईंट भट्टा एसोसिएशन रावतसर।स्थिति तो अभी से खराब
ईंटों का सरकारी बीएसआर 5200 रुपए प्रति हजार है। जबकि भाव अभी से ही छह हजार के पार जा चुके हैं।स्थिति यह है कि 5200 रुपए की दर के हिसाब से फर्म टेंडर में ही नहीं भाग ले रही हैं। भट्टे बंद होने के कारण ईंटों के भाव में और ज्यादा बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस कारण विकास कार्य अधर में हैं। – नरेन्द्र सहारण, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय सरपंच संघ।