scriptHanumangarh: घग्घर नदी मार रही उफान, याद दिला रही 1995 की घटना, पाकिस्तान की तरफ तेजी से बढ़ रहा पानी | Ghaggar river is spate in Hanumangarh reminding incident of 1995 water is rapidly moving towards Pakistan border | Patrika News
हनुमानगढ़

Hanumangarh: घग्घर नदी मार रही उफान, याद दिला रही 1995 की घटना, पाकिस्तान की तरफ तेजी से बढ़ रहा पानी

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी वेग के साथ बहने लगी है। ऐसे में लोगों को अब साल 1995 की घटना याद आने लगी है। जिस रफ्तार से पानी बह रहा है, ऐसा ही रहा तो जल्द ही पाकिस्तान की सीमा पर पहुंच जाएगा।

हनुमानगढ़Jul 07, 2025 / 07:42 pm

Kamal Mishra

Hanumangarh river

हनुमानगढ़ में भद्रकाली मंदिर के सामने कॉजवे से गुजरता घग्घर नदी का पानी। ( फोटो-पत्रिका)

हनुमानगढ़। घग्घर नदी क्षेत्र में पानी का बहाव तेज हो गया है। 6 जुलाई को घग्घर के नाली बेड में 3000 क्यूसेक पानी चल रहा था। इस तरह उक्त पानी शाम पांच बजे तक कालीबंगा-पीलीबंगा के समीप पहुंच गया। इसी रफ्तार से पानी चलता रहा तो 8 से दस 10 के भीतर पानी पाकिस्तान सीमा तक पहुंच जाएगा।
राजस्थान सीमा में पानी हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी से प्रवाहित होता है। यहां से अनूपगढ़ के नजदीक पाकिस्तान सीमा 150 किमी दूर है। इस तरह पाक सीमा तक पानी पहुंचने में 8 से 10 दिन तक का वक्त लगता है। रविवार को घग्घर के गुल्लाचिक्का हैड में 4600 क्यूसेक, खनौरी में 2500, चांदपुर में 2350, ओटू हैड पर 1300, घग्घर साइफन में 3400 तथा नाली बेड में 3000 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया जा रहा था।

छोटा पुल को छूकर निकल रहा पानी

टाउन के नजदीक भद्रकाली मंदिर के सामने घग्घर नदी पर बने कॉजवे (छोटा पुल) को छूकर पानी निकलने लगा है। नदी में केली भी खूब आ रही है। ऐसे में मशीन लगाकर इसे निकालने का काम किया जा रहा है। इस बीच मंदिर के सामने बने कॉजवे से श्रद्धालुओं का आवागमन जारी है। जबकि कॉजवे की रेलिंग आदि सब तोड़ दी गई है। ऐसे में कोई पैदल या वाहन लेकर यहां से गुजरता है तो अनहोनी की आशंका रहती है। प्रशासन को चाहिए कि वह कॉजवे के दोनों तरफ सुरक्षा के बंदोबस्त करवाए। कॉजवे के दोनों तरफ बेरिकेड्स लगाकर यहां से आवागमन बंद करवाए।

और भी बारिश होने की उम्मीद

नदी के जल ग्रहण क्षेत्रों में बरसात की संभावना बताई जा रही है। ऐसे में आगे आवक की स्थिति और बढ़ सकती है। ऐसे में घग्घर नदी के बंधों को मजबूत करना बेहद जरूरी है। जहां-जहां अवैध बंधों की शिकायत है, विभाग को वहां से पानी निकालने का रास्ता तैयार करना होगा। ताकि नदी में प्राकृतिक रूप से पानी का प्रवाह जारी रहे।

पहले चपेट में आ चुका है शहर

हनुमानगढ़ शहर पूर्व के बरसों में बाढ़ की चपेट में आ चुका है। टाउन-जंक्शन मार्ग के बीच घग्घर नदी का बंधा वर्ष 1995 में टूट गया था। इससे शहर में हर तरफ पानी ही पानी फैल गया था। इस वजह से जैसे ही नाली बेड में पानी की आवक होती है, लोगों में बेचैनी शुरू हो जाती है।

धान की फसल को मिलेगा फायदा

वर्तमान में घग्घर नदी में पानी की आवक होने से धान उत्पादक किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। धान उत्पादक किसानों को खेतों में सिंचाई पानी मांग के अनुसार मिलने लगा है। पंप करके किसान खेतों तक पानी पहुंचा रहा हैं। इससे भविष्य में धान का उत्पादन काफी अच्छा होने का अनुमान है।

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