मौसम विभाग के अनुसार जुलाई के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश की संभावना है। सोमवार को ही देर रात तक शहर में बारिश होती रही। दरअसल शहर सहित अंचल में मानसून 17 जून को आ गया था। निर्धारित तारीख से आठ दिन पहले मानसून की दस्तक होने से अच्छी बारिश दर्ज हुई है। इस माह और ज्यादा अच्छी बारिश होगी। मानसून आने के बाद 13 में से 10 दिन शहर में बारिश हुई।
जून में हुई रिकॉर्ड बारिश
साल 2003 में औसत बारिश 99.6 मिलीमीटर हुई थी। जून से ही मानसून मेहरबान रहा था, जिसकी वजह से औसत से ज्यादा बादल बरसे। साल 2023 और 2014 में भी औसत से ज्यादा बारिश हुई है। इस बार भी औसत से ज्यादा बारिश दर्ज है। 2003 के बाद जून से बारिश की रफ्तार तेज है। मानसून ब्रेक पर नहीं जा रहा है। जून 1962 में सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। 500 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव, जुलाई में आ रही अच्छी बारिश
बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो गया है। यह उत्तर पश्चिम की ओर से बढ़ेगा। मानसून ट्रफ लाइन भी ग्वालियर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होते हुए गुजर रही है। यदि सिस्टम इसी ट्रैक पर आता है तो ग्वालियर-चंबल संभाग में भारी बारिश की संभावना है। 1 से 3 जुलाई के बीच ग्वालियर सहित अंचल में मध्यम से भारी बारिश (Heavy Rain) के आसार रहे हैं। जुलाई के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश रहेगी। इससे तापमान भी ज्यादा नहीं बढ़ सकेगा। (monsoon system active)
इतनी हुई बारिश
औसत बारिश का 34% हिस्सा जून में ही बरस गया। अभी जुलाई व अगस्त शेष है, क्योंकि इन दोनों महीनों में 500 मिमी से ज्यादा बारिश होती है। बादल कम दबाव के क्षेत्र व चकवातीय घेरे, मानसून ट्रफ लाइन के असर से भारी, मध्यम, हल्के बरसते हैं।