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Transfer: जहां खाली नहीं था पद, वहीँ कर दिया टीचर्स का ट्रांसफर, सामने आई बड़ी लापरवाही

mp transfer policy: शिक्षा विभाग द्वारा टीचर्स के तबादलों में लापरवाही देखी जा रही है। यहां सरे आम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए शिक्षकों का उन विद्यालयों में ट्रांसफर कर दिया जहां कोई पद रिक्त नहीं था। (teachers transferred)

गुनाJul 08, 2025 / 03:44 pm

Akash Dewani

Big negligence, govt teachers transferred to schools with no vacant post mp transfer policy

Big negligence, govt teachers transferred to schools with no vacant post mp transfer policy

(फोटो सोर्स -Patrika.com)

mp transfer policy: एमपी के गुना (Guna) जिले के शिक्षा विभाग में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है, जिसमें शिक्षकों के तबादले के दौरान विभागीय नियमों की जमकर अनदेखी की गई। नए शिक्षकों का तबादला उन्हीं स्कूलों में कर दिया गया, जहां पहले से शिक्षक तैनात थे, जिससे न सिर्फ अव्यवस्था हुई, बल्कि शिक्षकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
यह स्थिति सिर्फ एक स्कूल में नहीं बनी, बल्कि 10 स्कूलों में रिक्तियां न होने के बावजूद शिक्षकों का तबादला कर दिया गया। जब शिक्षक कार्यभार ग्रहण करने का आदेश लेकर इन विद्यालयों में पहुंचे तो पता चला कि पद रिक्त ही नहीं है। विद्यालय प्रभारी व प्रधानाध्यापकों ने कार्यभार ग्रहण करने से इंकार कर दिया और अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेज दी। (teachers transferred)

15 दिनों में सात तबादले निरस्त

इसके बाद अफसर हरकत में आए और पूरी जानकारी लोक शिक्षण संचालनालय को भेजी गई। इसके बाद एक-एक कर तबादला आदेश निरस्त किए जा रहे हैं। पिछले 15 दिनों में सात तबादले निरस्त किए जा चुके हैं, जबकि तीन के मामले में निर्णय होना बाकी है। प्रभारी डीईओ राजेश गोयल ने बताया कि शासन स्तर से ही तबादले किए गए हैं, जिन स्कूलों में पद रिक्त नहीं थे, वहां प्राचार्यों से आपत्ति मिलने के बाद शासन को इसकी जानकारी दी गई थी। इसके बाद तबादला आदेश निरस्त किए जा रहे हैं।

संदिग्ध प्रक्रिया

जिले में पिछले एक माह के भीतर करीब 430 शिक्षकों के तबादले किए गए हैं। इसमें 257 स्वैच्छिक तबादले शामिल हैं। वहीं 125 शिक्षकों के प्रशासनिक और 48 आपसी व्यवस्था के तहत तबादले किए गए हैं। हालांकि स्कूलों में रिक्त पदों की जानकारी भी पोर्टल पर प्रकाशित की गई थी। भोपाल स्तर से ही रिक्त पदों की जानकारी सार्वजनिक की गई थी। इसी आधार पर शिक्षकों ने तबादले के लिए स्कूलों का चयन किया था, लेकिन बाद में पता चला कि स्कूलों में पद रिक्त ही नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि राजनीतिक प्रभाव वाले शिक्षकों ने प्रशासनिक तबादले करवा लिए। इससे कई स्कूलों के शिक्षक प्रभावित हुए। इससे उनमें नाराजगी है।

शिक्षकों को दूसरे जिलों में भेजा गया

कई शिक्षकों का तबादला ब्लॉक बदलकर, यहां तक ​​कि जिले से बाहर भी कर दिया गया, जबकि संबंधित स्कूलों में पद रिक्त ही नहीं थे। ऐसे में जब तबादला हुए शिक्षक आदेश लेकर नए स्कूलों में पहुंचे तो वहां पहले से ही शिक्षक कार्यरत मिले। नतीजा यह हुआ कि उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ा और शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ। गुना के एक शिक्षक का तबादला दूसरे जिले में कर दिया गया, जबकि जिले के स्कूलों में दूसरे जिले से भी शिक्षकों के पदस्थापन आदेश जारी हुए।

विभाग के अधिकारी हरकत में आए

जब विभाग के अधिकारियों को अपनी गलती का अहसास हुआ तो कुछ तबादला आदेश निरस्त करने की प्रक्रिया अपनाई गई। अब तक सात स्वैच्छिक तबादले निरस्त किए जा चुके हैं। तीन प्रशासनिक तबादलों को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि इनके बारे में विभागीय प्रक्रिया स्पष्ट नहीं है। इस लापरवाही का असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी पड़ा है, क्योंकि कई स्कूलों में शिक्षक समय पर कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाए।

शिक्षकों ने सुनाई आपबीती

  • खिरिया धरनावदा में पदस्थ शिक्षक हिम्मत सिंह का तबादला जिले के अमखेड़ा गांव स्थित स्कूल में कर दिया गया। जब वे कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे तो बताया गया कि अनुकंपा नियुक्ति से पद पहले से ही भरा हुआ है।
  • इसी तरह धमनार में पदस्थ शिक्षक भारत सिंह परिहार को कुशमौदा भेज दिया गया। यहां हिंदी विषय की शिक्षिका पहले से ही पदस्थ थीं।
  • देहरी गांव की मिथलेश अहिरवार को दूसरे जिले में भेज दिया गया, कार्यमुक्त होने के बाद जब वे कार्यभार ग्रहण करने पहुंची तो बताया गया कि यहां कोई पद रिक्त नहीं है।
  • इसी तरह विनीता साहू का दूसरे जिले से शहर के सीएम राइज स्कूल में तबादला हुआ, इस स्कूल में गणित शिक्षिका का पद पहले से ही भरा हुआ था, इसलिए ज्वाइनिंग नहीं हुई।
  • शिक्षक फूल सिंह को भैहटाघाट से टिल्लीखेड़ा स्कूल में पदस्थ किया गया, लेकिन इस स्कूल में सभी पद भर दिए गए।
  • सुषमा सेठी का एनएफएल स्कूल से विजयपुर तबादला हुआ, लेकिन स्कूल में कोई पद रिक्त नहीं था। इसी तरह तीन प्रशासनिक तबादले भी अटके हुए हैं, जहां रिक्तियां नहीं थीं, वहां शिक्षकों को पदस्थ कर दिया गया है।

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