जानिए पूरा मामला
गोरखपुर के चौरीचौरा थानाक्षेत्र के शिवपुर चकदह गांव में 29 मार्च की रात देर रात पूनम और अनुष्का की गड़ासे से बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उस समय पूनम की बड़ी बेटी खुशबू को हत्यारों ने घर के एक कमरे में बंद कर दिया था। इतना ही नहीं हत्यारे घर से पूनम का मोबाइल फोन भी ले गए थे। बेटी खुशबू की तहरीर के आधार पर गांव के कोटेदार संजय उर्फ शैलेंद्र, उसके पिता और भाई के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
केस की चार्जशीट समय से नहीं हुई दाखिल
मुकदमा दर्ज होने के बाद इस केस की विवेचना चौरीचौरा थानाध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा कर रहे थे, लेकिन नब्बे दिनों तक जांच में कोई ठोस सबूत सामने नहीं आ सका। इतना ही नहीं बल्कि इस कदर लापरवाही की गई कि आवश्यक चार्जशीट भी नब्बे दिन में कोर्ट में दाखिल नहीं की गई।
लापरवाही का गंभीर मामला , थाना प्रभारी सहित पूरे थाना स्टाफ पर गंभीर सवाल
इसका सीधा लाभ आरोपी को मिला और वकील ने कोर्ट में जमानत याचिका दी। आरोपी की जमानत याचिका की कॉपी थाना स्तर पर भी भेजी गई थी, लेकिन थाने से समय रहते कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। अदालत ने कानूनी प्रक्रिया के तहत आरोपी को जमानत दे दी। अब इस पूरे मामले में थाना प्रभारी और थाना पुलिस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
राजकरन नैय्यर, SSP गोरखपुर
इधर जैसे ही यह मामला SSP राजकरन नय्यर के संज्ञान में आया उन्होंने गंभीर रुख अख्तियार करते हुए जांच शुरू करा दी है कि मुख्य आरोपी को कैसे जमानत मिली, विवेचना में कहां और क्यों लापरवाही बरती गई, जांच में दोषी पाए जाने पर विवेचक बने थाना प्रभारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।