ABVP का उद्वेश्य…विद्यार्थियों में राष्ट्रभक्ति की भावना का संचार करना
9 जुलाई,1949 को अभाविप की स्थापना, शिक्षा व्यवस्था में हो रहे दिशाहीनता, चरित्रहीनता और राष्ट्रहीनता के विपरीतता में, विद्यार्थियों में राष्ट्रभक्ति की भावना का संचार करना और उन्हें केवल डिग्रीधारी नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति उत्तरदायी नागरिक बनाने का उद्देश्य से हुई। अपने 77 वर्ष के इस गौरवपूर्ण यात्रा में विद्यार्थि परिषद का कार्य केवल कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों तक सीमित नहीं रहा अपितु संगठन छात्रों में शिक्षा के साथ–साथ संस्कार, सामाजिक समरसता और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को भी विकसित करता रहा है।
एक हजार से अधिक विद्यार्थियों ने प्रस्तुत की सहभागिता
आयोजित शोभा यात्रा यात्र सरस्वती शिशु मंदिर, पक्कीबाग के प्रांगण से शुरू हो कर गंगेज तिराहा, धर्मशाला होते हुए पुनः सरस्वती शिशु मंदिर, पक्कीबाग में सम्पन्न हुई। इस शोभा यात्रा में 1000 से अधिक विद्यार्थियों ने अपनी सहभागिता प्रस्तुत की। वहीं सरस्वती शिशु मंदिर, सूरजकुंड विद्यालय परिसर में 1500 विद्यार्थियों के मध्य संगोष्ठी का कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
प्रांत संघचालक डॉ. महेंद्र अग्रवाल
प्रांत संघचालक डॉ. महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आज विद्यार्थी परिषद को देखकर वही लोग चकित हैं, जिन्होंने कभी इसे नगण्य समझा था। स्वामी विवेकानंद ने जिस युवा भारत का सपना देखा था, विद्यार्थी परिषद उसी सपने को साकार करने में जुटा है।यह संगठन न केवल विश्वविद्यालय परिसरों में, बल्कि गांव, शहर, जनजातीय क्षेत्र और सीमावर्ती इलाकों में जाकर युवा चेतना को जगा रहा है।
देश पर जब भी आपदा आती है, ABVP सदैव सेवा में तत्पर रहती
राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने कहा कि विद्यार्थी परिषद केवल एक छात्र संगठन नहीं, बल्कि एक विचार है — जो शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का आधार मानता है, जो युवाओं को केवल पढ़ा-लिखा नहीं बल्कि जागरूक, जिम्मेदार और राष्ट्र के प्रति समर्पित नागरिक बनाता है।इसीलिए कहा जाता है ‘छात्र एक शक्ति है, राष्ट्र निर्माण की युक्ति है — और विद्यार्थी परिषद इस शक्ति को दिशा देने वाली संकल्पना है।’ इसके साथ ही जब भी देश पर कोई संकट आता है तब परिषद के कार्यकर्ता सबसे पहले सेवा में उतरते हैं चाहें वो कोविड काल में भोजन वितरण हों, रक्तदान हों, ऑक्सीजन आपूर्ति और मानसिक स्वास्थ्य सहायता जैसे कार्यों का हों,परिषद अग्रणी रही। विद्यार्थी परिषद का कार्य केवल कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों तक सीमित नहीं है। यह संगठन छात्रों में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार, सामाजिक समरसता और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को भी विकसित करता है।इस अवसर पर श्रीरंग नारायण पांडेय, प्रांत संगठन मंत्री पुनीत अग्रवाल, राजवर्धन,शुभम गोविंद राव, किशन मिश्रा आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहें।