ICU से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट करने के बाद हुई युवक की मौत
रविवार सुबह परिजनों के कहने पर अमन को ICU से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया। लेकिन कुछ ही समय बाद उसकी हालत बिगड़ गई और हार्ट अटैक से मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि स्थिति बिगड़ने पर भी अस्पताल ने समय पर सूचना नहीं दी। मृतक के पिता संदीप सिंह ने बताया कि जब भी अमन के बारे में पूछा जाता तो अस्पताल का स्टाफ उसके सोने की बात कह कर बात टाल देता था।
अस्पताल प्रबंधन ने डेथ सर्टिफिकेट देने से किया मना, 3.5 लाख खर्च पर परिजनों ने उठाए सवाल
शाम को परिजनों ने देखा तो अमन की नब्ज बंद हो चुकी थी और शरीर पीला पड़ गया था। अस्पताल ने मरीज को लखनऊ रेफर करने की बात कहकर परिजनों को बाहर कर दिया, इतना ही नहीं परिजनों ने आरोप लगाया कि अमन का डेथ सर्टिफिकेट देने से भी मना कर दिया गया। परिजनों ने बताया कि अमन के इलाज में अब तक 3.5 लाख रुपये खर्च हो चुके थे, न्यूरो केस होने के बावजूद गायनिक डॉक्टर रश्मि राय इलाज कर रही थीं जबकि अस्पताल में भर्ती के समय इलाज डॉक्टर रवि राय कर रहे थे। वहीं रचित अस्पताल के प्रबंधन ने लापरवाही से इनकार किया है। उनका कहना है कि मरीज को ICU में रखने की सलाह दी गई थी। परिजनों के आग्रह पर ही वार्ड में शिफ्ट किया गया, जिसका लिखित अनुरोध उनके पास है। डॉक्टरों के अनुसार, शिफ्टिंग के बाद दिल में ब्लीडिंग से मौत हुई। फिलहाल अमन की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मृतक के परिजन रचित हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का इल्जाम लगा रहे हैं SP सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर मरीज के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। तहरीर मिलती है तो उसके आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।