ठेकदारों ने शहर को बना डाला है रिस्की जोन
गोरखपुर नगर निगम द्वारा शहर में कराए जा रहे कामों को करने में ठेकेदार बिल्कुल अपनी मनमौजी बना लिए है। एक बार सड़क बनती है, फिर तोड़ कर पाइप डाले जाते हैं, फिर सड़क बनाई जाती, इसके बाद फिर सीवर का काम सड़क तोड़ कर शुरू होता है। मुख्यमंत्री के शहर में ठेकेदारों ने आम नागरिकों का मोहल्लों में जीना दुश्वार कर दिया है।
मासूम को निकाल कर भागे पहुंचे अस्पताल..नहीं बच पाई मासूम
स्थानीय लोगों ने तुरंत उसे निकालने की कोशिश की। थोड़ी देर बाद कुछ लोगों ने बच्ची को नाले से बाहर निकाला और पहले एक निजी अस्पताल ले गए। वहां से पिता अनीश ने पानी में भागते हुए जिला अस्पताल पहुंचाया। लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद आफरीन को मृत घोषित कर दिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों को खबर मालूम होते ही आफरीन की मां बेहोश हो गई। उन्हें भी अस्पताल में एडमिट कराया गया।
महापौर बोले..दुखद घटना
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह नाला लंबे समय से नगर निगम की देखरेख में बन रहा है, लेकिन ठेकेदार बेहद धीमी गति से और लापरवाही से काम कर रहा है। नाले के किनारे न तो सुरक्षा बैरिकेड लगाए गए थे, न कोई चेतावनी बोर्ड। इस लापरवाही ने एक मासूम की जान ले ली। महापौर मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है। बारिश शुरू होते ही टीम को जगह-जगह भेजा गया था ब्लॉकेज हटाने के लिए, तभी इस बच्ची की खबर मिली। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
निरंकार सिंह, अपर नगर आयुक्त
अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह ने इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि नगर निगम इस हादसे से आहत है और पीड़ित परिवार के साथ पूरी संवेदना है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर जो भी जरूरी और निष्पक्ष कार्रवाई होगी, वह की जाएगी। पहली नजर में मामला गंभीर लग रहा है।