UP Panchayat Elections: योगी सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी तेज कर दी है। माना जा रहा है कि वर्ष 2026 के मार्च- अप्रैल माह में चुनाव हो सकते हैं। लेकिन तैयारी अभी से ही चल चल रही है। प्रदेश में पुनर्गठन के दौरान 512 पंचायत इस बार कम हुई है। यानी इस बार 512 प्रधान कम चुने जाएंगे। जबकि 11 नई पंचायत का पुनर्गठन हुआ है। वर्ष 2021 के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 58195 ग्राम प्रधान चुने गए थे। जबकि अगले साल होने वाले चुनाव में यह संख्या घटकर 57694 हो जाएगी। प्रदेश में मार्च- अप्रैल 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। आरक्षण तय करने से पहले ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन पूरा कर लिया गया है।
इन तीन जिलों में सबसे अधिक पंचायतें हुई कम
देवरिया में सर्वाधिक शहरी विस्तार शहरी सीमा बढ़ने की वजह से देवरिया में 64, आजमगढ़ में 49 और प्रतापगढ़ में 46 ग्राम पंचायतें खत्म की गई हैं। इसके अलावा अलीगढ़ में 16, अम्बेडकरनगर में 3, अमरोहा में 21 और अयोध्या में 22 ग्राम पंचायतें समाप्त हुई हैं। बहराइच में दो नए राजस्व ग्राम बने बहराइच में 4 ग्राम पंचायतें खत्म हुईं जबकि 2 नए राजस्व ग्राम बनाए गए हैं।
कहां कितनी ग्राम पंचायत हुई कम
बलरामपुर व बाराबंकी में 7-7, बरेली व बुलंदशहर में 5-5, चित्रकूट में 3, एटा में 6, इटावा में 2, फर्रुखाबाद में 14, फतेहपुर में 19, गौतमबुद्ध नगर में 6, गाजियाबाद में 19, गोंडा व गोरखपुर में 22-22, हरदोई में 14 ग्राम पंचायतें कम की गई हैं। हाथरस में 1, जौनपुर व लखीमपुर खीरी में 6 व 1, कुशीनगर में 23, लखनऊ में 3, मथुरा में 9, मऊ में 26, मुजफ्फरनगर में 11, रायबरेली में 8, संतकबीरनगर में 24, शाहजहांपुर में 1, सीतापुर में 11, सोनभद्र में 8 और उन्नाव में 4 ग्राम पंचायतें समाप्त की गई हैं। बस्ती में कोर्ट के आदेश से दो नई ग्राम पंचायतों का गठन हुआ है। वर्ष 2021 में ये क्षेत्र नगर क्षेत्र में शामिल कर लिए गए थे। इसके अलावा आजमगढ़, बाराबंकी, फतेहपुर, गोरखपुर, हरदोई, प्रतापगढ़ और उन्नाव में एक-एक नई ग्राम पंचायत बनाई गई है।