6 लाख 80 हजार रुपये अपात्र के खाते में भेज दिए गए
जिला विकास अधिकारी कार्यालय के पत्र संख्या 815 दिनांक 13 जून 2025 एवं खंड विकास अधिकारी, पंडरी कृपाल के पत्र संख्या 298 दिनांक 16 जून 2025 के आधार पर ग्राम पंचायत अधिकारी सरिता शुक्ला द्वारा थाना इटियाथोक में तहरीर दी गई थी। शिकायत में कहा गया कि वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2018-19 के बीच प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 15 अपात्र लाभार्थियों को कुल 6,80,000 की धनराशि स्थानांतरित की गई थी। FIR में यह स्पष्ट किया गया है कि इन अपात्र लाभार्थियों में से कुछ ने पहली किस्त प्राप्त करने के बाद निर्माण कार्य शुरू नहीं किया। जबकि एक लाभार्थी ने पूरी धनराशि प्राप्त करने के बावजूद आवास निर्माण नहीं कराया। इस मामले में तत्कालीन ग्राम प्रधान श्रीमती उषा देवी, तत्कालीन सचिव अजीत गुप्ता (ग्राम पंचायत अधिकारी) एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत की पुष्टि हुई है।डीएम के निर्देश पर हुई जांच में घोटाले का हुआ खुलासा
डीएम के निर्देश पर हुई जांच में यह तथ्य सामने आया कि शासन द्वारा स्वीकृत धनराशि का दुरुपयोग किया गया है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस मामले को गंभीर वित्तीय गड़बड़ी मानते हुए शासकीय धन की वसूली के साथ-साथ दोषियों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उक्त आदेश के अनुपालन में थाना इटियाथोक पुलिस ने सभी 15 अपात्र लाभार्थियों सहित संबंधित ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।इनके ऊपर दर्ज हुई रिपोर्ट
श्यामपता पत्नी रामचरन, लक्ष्मी देवी पत्नी केशवराम,अनीता पत्नी सुनील कुमार, ममता देवी पत्नी विनोद कुमार
सुरेश कुमार पुत्र महादेव, शानपती पत्नी श्रीनिवास,
गुलशन बानो पत्नी मो. रिजवान, सरोजनी देवी पत्नी रामपाल
जगदम्बा प्रसाद पुत्र ओमप्रकाश, रमेश कुमार पुत्र महादेव प्रसाद, सुमन पत्नी भगौती प्रसाद, पवन कुमार पुत्र माधव
रामसरन पुत्र गोविन्द प्रसाद, राजकुमारी पत्नी राजकिशोर,
विद्याधर पुत्र अमरिका प्रसाद, उषा देवी ( तत्कालीन प्रधान)
अजीत गुप्ता ( तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी)
इन सभी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। मामले की विवेचना अब पुलिस द्वारा की जा रही है।
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प्रशासन की सख्ती बनी नज़ीर
डीएम नेहा शर्मा की इस त्वरित एवं निर्णायक कार्रवाई ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि जनहित योजनाओं में भ्रष्टाचार या गड़बड़ी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।यह कार्रवाई जिले में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन की दिशा में एक अहम और अनुकरणीय कदम के रूप में देखी जा रही है। प्रशासन द्वारा यह भी संकेत दिए गए हैं कि ऐसे अन्य मामलों की पुनः जांच की जाएगी। यदि किसी स्तर पर और गड़बड़ियां पाई जाती हैं। तो संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध भी एफआईआर व वसूली की कार्रवाई जाएगी।