उजाला ने बताया कि उन्होंने सोनम के साथ 8 जून को बस में वाराणसी से गाजीपुर तक का सफर किया था। सोनम गाजीपुर नहीं जाना चाहती थी। वह वाराणसी से गोरखपुर जाना चाहती थी, जब सोनम को ट्रेन नहीं मिली तो उसने बस के सफर को चुना। सोनम बार बार पूछ रही थी कि गोरखपुर कितनी देर में आएगा। कितने घंटे में बस गोरखपुर पहुंचेगी।
उजाला यादव ने बताया कि वह खुद भी उस रात लखनऊ से ट्रेन पकड़ कर वाराणसी कैंट स्टेशन पहुंची थीं, जहां उन्होंने पहली बार सोनम रघुवंशी को दो युवकों के साथ देखा था। स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर खड़ी सोनम से उसकी बातचीत शुरू हुई, जब सोनम ने ट्रेन और बस की जानकारी मांगी। उजाला का कहना है कि मैंने उसे बताया कि गोरखपुर की ट्रेन सुबह 3 बजे आएगी, लेकिन अगर वह चाहे तो रोडवेज बस से जा सकती है, जो कैंट स्टेशन के बाहर से मिल जाएगी। इसके बाद सोनम को ट्रेन का इंतजार करना उचित नहीं लगा और उसने बस से गोरखपुर के लिए जाने का फैसला किया।
वाराणसी से पूछ रही थी गोरखपुर की दूरी
उजाला के अनुसार, जब दोनों वाराणसी रोडवेज बस स्टैंड के प्लेटफॉर्म नंबर 7 से बस में चढ़ीं, तो सोनम ने चेहरे को कपड़े से ढक रखा था। बस में चढ़ते ही उसने पानी मांगा और चेहरा धोया, तभी उजाला ने पहली बार उसका चेहरा ठीक से देखा। बस में सोनम पहले एक अजनबी युवक के बगल में बैठी थी और उससे मोबाइल मांग रही थी, लेकिन उसने देने से मना कर दिया और सीट बदल ली। इसके बाद उजाला उसी सीट पर आ गई और सोनम के बगल में बैठ गई। यात्रा के दौरान, सोनम की बेचैन थी। वह बार-बार गोरखपुर की दूरी, समय और पहुंच के बारे में पूछ रही थी। राजा की घबरों को देखकर घबरा गई थी सोनम
बस यात्रा के दौरान जब उजाला यादव अपने मोबाइल पर राजा रघुवंशी हत्याकांड से जुड़ी खबरें और वीडियो देख रही थीं, तो सोनम घबरा गईं। उसने कहा ये सब मत देखो। इसके बाद उजाला ने वीडियो देखना बंद कर दिया। इसी दौरान सोनम ने उजाला से मोबाइल फोन मांगा, और उसमें एक नंबर टाइप किया, लेकिन डायल नहीं किया और तुरंत मिटा दिया। फिर मोबाइल लौटा दिया। उजाला के मुताबिक यह उसे तब भी थोड़ी अजीब लगी थी।
उजाला के मुताबिक अगली सुबह जब वह अपने गांव नसीरपुर पहुंची और सोशल मीडिया पर सोनम की फोटो देखी तो चौंक गईं। उन्होंने तुरंत गाजीपुर के नंदगंज थाने में सूचना दी। फिर सोशल मीडिया के माध्यम से राजा रघुवंशी के भाई सचिन रघुवंशी से संपर्क किया और अपनी आपबीती साझा की। सचिन ने उन्हें चार आरोपियों की तस्वीरें भेजीं, लेकिन उजाला ने बताया कि जिन दो युवकों को उसने वाराणसी कैंट स्टेशन पर सोनम के साथ देखा था, वे तस्वीरों में शामिल नहीं हैं।
गोरखपुर के रास्ते नेपाल जाना चाहती थी सोनम
चर्चा है कि सोनम का गोरखपुर के रास्ते नेपाल भागने का प्लान हो सकता था। पहले वह ट्रेन से जाने वाली थी, लेकिन समय लंबा होने के कारण रोडवेज बस को चुना। बता दें कि गोरखपुर नेपाल के बेहद करीब है और सीमाओं पर आवाजाही भी आसान है। उजाला का कहना है, मेरे पास जो भी जानकारी है, मैं पुलिस के साथ साझा करने को तैयार हूं। मैं चाहती हूं कि राजा रघुवंशी को न्याय मिले और अपराधी सजा पाए।