मिली जानकारी के मुताबिक, सिंचाई प्रोजेक्ट 2021 में आया था। यह काम पूरा भी हो गया है। अमलीपदर में रहने वाले पीड़ित किसान के पुत्र आदित्य मिश्रा ने बताया कि उनकी जमीन भी प्रोजेक्ट के तहत अधिग्रहित की गई थी। बदले में सरकार की ओर से 13.63 लाख रुपए का मुआवजा जारी किया गया। इस साल अप्रैल महीने की 17 तारीख को पहली बार चेक जारी किया। यह बाउंस हो गया।
फिर 1 मई को दूसरी और 6 मई को तीसरी बार जारी चेक भी बाउंस हो गया। ये तीनों चेक भू-अर्जन अधिकारी (देवभोग-मैनपुर के मौजूदा एसडीएम) तुलसीदास मरकाम की ओर से जारी किए गए थे। चेक क्लीयरेंस न होने के पीछे एसडीएम दतर में तैनात एक बाबू पर आरोप लगाते हुए मिश्रा कहते हैं, पैसे देने वालों को मुआवजे के पैसे मिल गए हैं। हमने नहीं दिए, हमारा चेक तीन-तीन बार बाउंस करवा दिया।
उन्होंने बताया कि मैनपुर से उनका घर 70 किमी दूर है। एसडीएम दफ्तर से चेक लेने, बैंक जाने, चेक री-इश्यू करवाने, इसी सब में उन्हें और उनके पिता को 20 से ज्यादा बार यानी तकरीबन 2800 किमी चक्कर लगाने के लिए मजबूर किया गया। पीड़ित किसान और पुत्र ने रिश्वत के लिए उन्हें इस तरह प्रताड़ित करने वाले बाबू के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
अध्यक्ष गौरीशंकर बोले- सरकार की छवि धुमिल मत करो
पीड़ित किसान परिवार ने इस प्रताड़ना की शिकायत जिला पंचायत अध्यक्ष गौरीशंकर कश्यप से की। दस्तावेजों के परीक्षण के बाद कश्यप एसडीएम मरकाम से मिलने मैनपुर स्थित उनके दतर में पहुंचे। वे यहां नहीं थे। देवभोग में थे। ऐसे में कश्यप ने फोन पर मरकाम से बात की।
उनसे कहा कि
अफसर-कर्मचारियों की ऐसी हरकतों से सरकार की छवि धुमिल होती है। ऐसा कोई काम न करें, जो सुशासन के खिलाफ हो। सभी किसानों का लंबित भुगतानजल्द से जल्द करवाने के लिए कहा है। एसडीएम ने किसानों को राशि मुहैया करवाने के साथ रिश्वतखोरी के मामले में जांच और कार्रवाई की बात भी कही।
चेक बाउंस हो रहा है, तो यह गलत बात है। किन परिस्थिति में ऐसा हो रहा है, इसे दिखवाते हैं। किसान शिव कुमार के मामले की जानकारी लगते ही आवश्यक कमी पूरी कराई गई है, ताकि चेक बाउंस न हो। अन्य लंबित भुगतान की जानकारी लेने के साथ जल्द भुगतान के प्रयास भी किए जाएंगे। – तुलसीदास मरकाम, एसडीएम, देवभोग और मैनपुर ब्लॉक
एसडीएम के अलावा आरोपी बाबू से भी फोन पर बात की है। तत्काल चेक जारी करते हुए बैंक भुगतान से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा है। किसानों या किसी भी आमजन को बेवजह परेशान करना गलत है। ये सब बर्दाश्त नहीं करेंगे। – गौरीशंकर कश्यप, अध्यक्ष जिला पंचायत, गरियाबंद