जाति और नाम छुपा कर आए थे भागवत कथा पढ़ने
उत्तर प्रदेश की बकेवर इटावा की दादरपुर गांव में 21 जून से 27 जून के बीच भागवत कथा आयोजित की गई थी।कथावाचक मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव कथा सुनाने के लिए आए थे। मुख्य यजमान रेनू तिवारी ने बताया कि दोनों ने खुद की जाति छुपा कर अपने आप को ब्राह्मण बताया। उनके थैले से दो आधार कार्ड मिले हैं। जिनमें एक में अग्निहोत्री और दूसरे में यादव लिखा हुआ है।
कथा वाचकों की हुई थी पिटाई
जाति छुपा कर भागवत कथा पढ़ने आए खाने आए कथावाचक और उनकी टीम पर गांव वाले हमलावर हो गए और उनकी पिटाई कर दी, बालों को काट दिया गया। जिसका वीडियो वायरल हुआ था। इस घटना की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर हुई। अखिलेश यादव ने दोनों कथावाचकों को लखनऊ कार्यालय बुलाकर सम्मानित किया आर्थिक मदद भी दी।
मुख्य यजमान ने दर्ज कराया था मुकदमा
इधर मुख्य अजमान रेनू तिवारी ने बकेवर थाना में तहरीर देकर भागवताचार्य मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद दोनों के अंडरग्राउंड हो गए। बीते 16 जुलाई को उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका लगाई। इस संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शाक्य ने बताया कि मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव दोनों को इस शर्त में जमानत मिली है कि वह पुलिस का विवेचना में सहयोग करेंगे।