क्यों जरूरी है अपार आईडी
जून 2025 में हुई CBSE की बैठक में तय हुआ कि अब छात्रों के पंजीकरण को मानकीकृत पहचान से जोड़ा जाएगा। पहले 9वीं-11वीं के पंजीकरण और 10वीं-12वीं की परीक्षा सूची (LOC) बिना किसी तय पहचान प्रणाली के भेजी जाती थी जिससे डेटा में गड़बड़ी और वेरिफिकेशन में दिक्कत होती थी। शिक्षा मंत्रालय ने इसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एजुकेशन का हिस्सा बताया है जिसका उद्देश्य हर छात्र को आजीवन और आसानी से उपलब्ध डिजिटल शैक्षणिक रिकॉर्ड देना है।
क्या है अपार आईडी?
अपार आईडी एक 12 अंकों का यूनिक नंबर है जो हर छात्र को दिया जाता है। इसके जरिए मार्कशीट, सर्टिफिकेट और डिग्री जैसे सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित रखे और आसानी से देखे जा सकते हैं। यह आईडी पूरे शैक्षणिक सफर में स्थायी रहती है और लाइफटाइम वैलिड है। अपार आईडी का पूरा नाम Automated Permanent Academic Account Registry है।
स्कूलों के लिए निर्देश
CBSE ने कहा है कि पंजीकरण से पहले हर छात्र की अपार आईडी बनवाना जरूरी है। यह आईडी आइडेंटिटी वेरीफिकेशन और अन्य आधिकारिक कामों में भी इस्तेमाल होगी। इससे शिक्षा में डिजिटल प्रक्रिया तेज होगी और छात्रों के रिकॉर्ड संभालना आसान और साफ-सुथरा हो जाएगा।