भीषण गर्मी के चलते बोरवेल ने दिया जवाब
दरअसल, डूंगरपुर शहर के सिंटेक्स चौराहा पर स्थित दमकल कार्यालय में भीषण गर्मी के चलते बोरवेल ने जवाब दे दिया है। इसपर जिले में आग की घटना होने पर दमकल कर्मियों को पानी के लिए दस किलोमीटर दूर मझौला गांव जाना पड़ता है। यहां पर दमकलकर्मी राशि देकर एक निजी बोरवेल से पानी भरते है और वहां से घटनास्थल के लिए रवाना होते है। दमकल कर्मियों को आने व जाने के लिए दौड़ अधिक हो जाती है।पुराने वाहन रास्ते में ही हो जाते है खराब
डूंगरपुर जिले में कई भी आग की घटना होने पर दमकलकर्मी अग्निशमन वाहन लेकर मौके पर पहुंचते है। पुराने वाहन होने से कई बार बीच रास्ते में ही खराब हो जाता है। अक्सर परेशान होना पड़ता हैं। 26 मार्च को साबला थाना के वन क्षेत्र में आग लग गई थी। आग के चलते शहर से 14 हजार लीटर पानी की क्षमता का दमकल वाहन मौके पर पहुंचा। आग पर काबू पाकर शाम को वापस लौटते समय मनपुर घाटी के समीप वाहन खराब हो गया। जिसे क्रेन की मदद से गैराज पहुंचाया गया। यह वाहन एक माह बीत जाने के बाद भी ठीक होकर नही आया है। दो हजार लीटर पानी की क्षमता वाला दमकल भी दो से तीन माह से खराब है।डूंगरपुर से बांसवाड़ा रेल लाइन का काम अचानक रुका, ग्रामीणों ने दी चेतावनी, जानें क्यों?
व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर जिम्मेदार नहीं कर रहे कोई पहल
बताया जा रहा है कि उसको एक माह पहले मरम्मत करके लाया गया था। लेकिन उसका वर्तमान में टैंक ही लीकेज है। साथ ही पुराने शहर की सडक़ें कम चौड़ी होने के कारण नगर परिषद् के पुराने बोर्ड ने छोटा दमकल बनावाया था। शहर में आगजनी की घटना होने पर छोटे वाहन को भेजा सके। लेकिन, दो से तीन माह से यह वाहन खराब पड़ा हुआ है। भविष्य में शहर के पुराने क्षेत्र में आगजनी की घटना होने पर दमकल वाहन ले जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जिम्मेदार व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर कोई पहल तक नहीं कर रहे हैं।सिंधु जल से बदल सकती है राजस्थान के किसानों की तकदीर, सांसदों-विधायकों ने पीएम मोदी से की ये बड़ी मांग
एक वाहन से चल रहा है काम
नगर परिषद् के पास तीन दमकल वाहन है। इन तीन वाहनों में दो वाहन बड़े है और एक वाहन छोटा है। छोटे वाहन में दो से ढाई हजार लीटर पानी , दूसरे दमकल में चार हजार लीटर पानी व तीसरे वाहन में लगभग14 हजार लीटर पानी आता है। लेकिन वर्तमान में इन तीन वाहनों में से दो वाहन खराब पड़े हुए है। दमकल कर्मी चार हजार लीटर पानी वाले पानी की क्षमता के वाहन से काम चला रहे है।राजस्थान में नए 8 जिलों पर अपडेट, जानें अभी क्या है स्थिति
1 माह में इतने आए मामले सामने
जिले में अब तक आगजनी 22 मार्च से 22 अप्रेल तक 42 मामले सामने आ चुके है। यह मामले में अधिकांश साबला, आसपुर, सीमलवाड़ा, माथुगामड़ा, बिछीवाड़ा क्षेत्रों से जुड़े हुए है। आग के इन मामलों में कार्मिकों ने एक दमकल वाहन से काबू पाया, जिसमें काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। परेशानी भी ज्यादा हो रही है।नहीं हो रही सुनवाई
नगर परिषद के तीन वाहन लगभग कंडम होने की कगार पर है। इसको लेकर दमकल अधिकारियों ने लगभग दो से तीन साल पहले दो नए दमकल वाहनों के लिए लिखित में पत्र भी दिया है। इसके बावजूद अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। ऐसे में दकमल कार्मिकों को इन कंडम वाहनों के भरोसे ही रहना पड़ रहा हैं।इनका कहना है…
गर्मी के चलते अस्थाई व्यवस्था की है। वहीं, वाहनों की समस्याओं को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है।दीपांकर कटारा, सहायक अग्निशमन अधिकारी, डूंगरपुर