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धौलपुर

किस-किसको बेचे हथियार, गिरोह अन्य साथियों को लगा रहे पता

एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) और मनियां पुलिस समेत अन्य टीमों की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार बदमाश जितेन्द्र सिंह उर्फ जीतू जोड़ी की निशानदेही पर चुरू जिले से बरामद एके 47 हथियार और दो मैगजीन के बाद पुलिस आरोपित से अवैध हथियारों की सप्लाई को लेकर पूछताछ करने में जुटी है।

धौलपुरJun 13, 2025 / 06:38 pm

Naresh

किस-किसको बेचे हथियार, गिरोह अन्य साथियों को लगा रहे पता To whom did they sell the weapons, the gang is trying to find out from other associates
 पुलिस मास्टर माइंड जीतू जोड़ी से कर रही पूछताछ

– निशानदेही पर चुरू से बरामद की एके 47 हथियार

धौलपुर. एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) और मनियां पुलिस समेत अन्य टीमों की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार बदमाश जितेन्द्र सिंह उर्फ जीतू जोड़ी की निशानदेही पर चुरू जिले से बरामद एके 47 हथियार और दो मैगजीन के बाद पुलिस आरोपित से अवैध हथियारों की सप्लाई को लेकर पूछताछ करने में जुटी है। सूत्रों के अनुसार रिमांड पर चल रहे बदमाश जीतू जोड़ी से मनियां पुलिस और किस-किसको हथियार बेचे और बड़े हथियार की खरीद के नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है। पुलिस आरोपित जीतू जोड़ी, जीतू चंबल और शिवराज चौहान को शुक्रवार को राजाखेड़ा स्थित कोर्ट में पेश करेगी। पुलिस जीतू जोड़ी से और पूछताछ के लिए रिमांड मांग सकती है।
सूत्रों के अनुसार मनियां पुलिस तीनों आरोपितों गहन पूछताछ करने में जुटी है। पुलिस एके 47 जैसे हथियार सप्लाई करने वाले गिरोह और व्यक्ति का पता लगाने में जुटी है। पुलिस मास्टर माइंड जीतू जोड़ी से गहन पूछताछ कर रही है। गौरतलब रहे कि बदमाश जीतू जोड़ी ने धौलपुर जिले के राजाखेड़ा थाना क्षेत्र से बरामद एके 47 हथियार को उसने ही जीतू चंबल को बेचा था। जीतू चंबल और उसके पिता तेजा ठाकुर को एजीटीएफ गत 4 जून को पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी है। टीम ने गांव बसई घीयाराम से एके 47 रायफल और 34 जिंदा कारतूस बरामद किए थे।
लिंक जोडऩा रहता है चुनौतीपूर्णसूत्रों के अनुसार बड़े गिरोह पूछताछ में पुलिस को कम जानकारी देते हैं। साथ ही वह नेटवर्क में जुड़े अन्य गिरोह और बदमाशों की जानकारी को लेकर गुमराह करते हैं, जिससे पुलिस संबंधित तक नहीं पहुंच पाए। वहीं, हथियार माफिया भी गिरोह को हथियार सप्लाई करने में सीधे तौर पर सामने नहीं आता है। वह कई माध्यमों के जरिए सप्लाई करते हैं। जिससे पकड़े जाने पर पुलिस उन तक नहीं नहीं पहुंच सके।

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