स्थानीय लोगों ने बताया कि लंबे समय से शहर में साफ -सफाई की व्यवस्था पूरी तरह से बंद है। नगर पालिका नियमित साफ-सफाई तो छोडि़ए शिकायतों पर भी अमल नहीं करती। जिसके चलते शहर के कई इलाके ऐसे हैं जहां नाले तथा नालियां पूरी तरह से ओवरफ्लो हैं। गंदा पानी लंबे समय से सडक़ों पर बह रहा है। शहर के कहार गली स्थित नाला लंबे समय से ओवरफ्लो है। जिसे लेकर स्थानीय लोग कई बार शिकायत कर चुके हैं, मगर इस ओर ध्यान नहीं दिया।
बजट को लेकर नहीं होती मॉनिटरिंग नगर पालिका में भ्रष्टाचार होता है। जिसकी जानकारी सभी अधिकारियों से लेकर हर एक आम नागरिक को पता है। क्योंकि जिम्मेदार न तो साफ -सफाई के लिए दिए गए बजट की कोई मॉनिटरिंग करते हैं और न ही ऑडिट। ऐसे में भ्रष्टाचार के चलते एक भारी भरकम टैक्स पेयर की रकम को खुलेआम डकार लिया जाता है और उसके बाद आम नागरिक अपने आप को ठगा सा महसूस करता है।
कार्यालय में से नहीं निकलते अधिशासी अधिकारी जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष नगर पालिका ने तत्कालीन अधिशासी अधिकारी रविंद्र सिंह ने बाड़ी में जगह-जगह जितने भी नाले हैं वहां मौके पर स्वयं जाकर जेसीबी से साफ कराया गया था। जिसकी अनुमानित लागत राशि लगभग 15 लाख रुपए बताई गई। वर्तमान में नए अधिशासी अधिकारी शहर के गंदगी से अटे हुए नालों को साफ कराने व उनकी जांच परख के लिए अपने कार्यालय से नहीं निकलते। जिससे शहर के अनेक मोहल्लों में गंदगी फैली हुई है और इससे आम नागरिकों मे रोष है। लोगों का कहना है कि अधिशासी अधिकारी के निरीक्षण नहीं करने से स्थिति बिगड़ रही है। आला प्रशासनिक अधिकारियों को कामकाज को जांचने की जरुरत है।
शहर में नालो में जमा कचरा उठाने का ठेका दे दिया है शीघ्र ही सफाई करा दी जाएगी। यादवेंद्र सिंह, सफाई प्रभारी