धौलपुर. राज्य सरकार ने गरीब, किसान और आमजन के लिए कई लोक कल्याणकारी योजनाएं चला रखी हैं। लेकिन इन योजनाओं पर जिनका वाजिब हक हैं, उन्हें फायदा कम दूसरे अधिक उठा रहे हैं। जिले में हाल में ही सरकारी सिस्टम की आंखों में मिर्च झोंक कर करीब 5 साल से अधिक समय सरकारी पेंशन का लाभ उठाने का मामला सामने आया है। उक्त फर्जीवाडा करने वाली दंपती ने स्वयं को सरकारी रेकॉर्ड में दिव्यांग (नेत्रहीन) बता रखा था। गुमनाम शिकायत पर जांच हुई सरकारी सिस्टम की पोल खोल कर रख दी। मामजा उजागर होने पर मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्साधिकारी डॉ.धर्म सिंह मीणा ने गत माह शहर के कोतवाली थाने में उक्त दंपती के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई। मुकदमा दर्ज होने के बाद दंपती लापता है। उधर, पेंशन दिलाने वाले सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने भी आनन-फानन में करीब एक लाख रुपए से अधिक की सरकारी सहायता राशि की रिकवरी का नोटिस जारी कर दिया।
जानकारी के अनुसार जिले की तहसील बसई नवाब के गांव जारौली निवासी जयदीप पुत्र अमजेर सिंह और पत्नी हेमलता ने स्वास्थ्य विभाग के नेत्रहीनता के प्रमाण पत्र अलग-अलग स्थानों से फर्जी बनवा लिए और दिव्यांग की पेंशन ले रहे थे। दर्ज रिपोर्ट में बताया कि पति जयदीप ने दिव्यांग का सार्टिफिकेट गत 31 दिसम्बर 2018 और पत्नी हेमलता ने गत 24 अपे्रल 2019 को अन्य स्थान से बनवा लिया। दंपती के दिव्यांग प्रमाण पत्रों की शिकायत पर जांच कराई गई, जिसमें दोनों के प्रमाण पत्र फर्जी निकले। जिस पर सीएमएचओ ने गत 7 मार्च को धौलपुर कोतवाली थाने में नामजद मुकदमा दर्ज कराया।
भनक लगने पत्र देकर पेंशन छोड़ी… दंपती को दिव्यांग प्रमाण पत्रों को लेकर शिकायत की भनक लगने पर बीते साल उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को पत्र लिखकर दिव्यांग पेंशन नहीं लेने की बात कही। विभाग अधिकारी देवेन्द्र सिंह जांगल ने बताया कि दंपती के गलत तरीके से ली दिव्यांग पेंशन की रिकवरी को लेकर नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि विभाग चिकित्सक के प्रमाण पत्र पर ही योजना का लाभ देता है। विभाग के पास जांच करने का कोई तरीका नहीं है।
इन योजनाओं में मिलती हैं पेंशन राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना, मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना, मुख्यमंत्री वृ़द्वावस्था सम्मान पेंशन योजनाओं का लाभ मिलता है। वर्तमान में विभाग की ओर से लगातार सत्यापन कराने का कार्य चल रहा है। धौलपुर जिले में 1 लाख 63 हजार 804 पेंशन लाभार्थी हैं, जिसमें से 90 फीसदी का सत्यापन हो चुका है।
ई-मित्र कियोस्क से होती गड़बड़ी योजनओं का लाभ लेने के लिए वर्तमान में ई-मित्र केन्द्र अथवा ई-मित्र कियोस्क से बॉयोमैट्रिक सत्यापन के माध्यम से, एंड्राइड मोबाइल ऐप से फेस रिकॉग्निगेशन अथवा बॉयोमैट्रिक के माध्यम एवं ओटीपी सत्यापन से संबंधित स्वीकृतिकर्ता अधिकारी की ओर से लाभार्थी के आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर भेजे ओटीपी के माध्यम से पेंशन का भौतिक सत्यापन होता है। लेकिन इसके बाद भी लगातार फर्जीवाड़े हो रहे हैं। दंपती मामले में भी एक ऑपरेटर की भूमिका आ रही है। जो पहले सरकारी अस्पताल में कार्य करता था, जिसे बाद में निकाल दिया।
– उक्त दंपती नेत्रहीन बनकर गलत तरीके से पेंशन का लाभ उठा रही थी। जांच में मालूम हुआ कि ये दिव्यांग नहीं है। जिस पर सीएमएचओ ने मुकदमा दर्ज कराया है। विभाग ने अन्य लाभार्थियों की जांच के निर्देश दिए हैं।
– श्रीनिधि बी टी, जिला कलक्टर, धौलपुर – मामला सामने आने पर कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पति-पत्नी ने अलग शिविरों में मिलीभगत के जरिए दिव्यांग प्रमाण पत्र (नेत्रहीन) बनवा लिया था। पेंशन के साथ पालनहार योजना का भी लाभ ले रखा था।
– धर्म सिंह मीणा, सीएमएचओ, धौलपुर