बता दें कि देश में साल 1990 में करीब तीन करोड़ लोग मोटापे की चपेट में थे। लेकिन अब यह आंकड़ा चौकाने वाला हो गया है। एक संस्था की रिपोर्ट में बताया कि बीते साल 2024 में यह आंकड़ा करीब 35 करोड़ पहुंच गया है। यानी मोटापे से ग्रसित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
देश में खाद्य तेल की भारी खपतभारतीय व्यंजन हो या अन्य खाद्य सामग्री ऑयल, वनस्पति और घी के उपयोग के बिना नहीं बनती है। इसमें भी इसका भरपूर उपयोग होता है। देश में साल साल1994-95 में प्रति व्यक्ति सालाना तेल खपत करीब ७ लीटर थी और साल 2000के बाद यह खपत बढक़र प्रति व्यक्ति 20 लीटर हो गई। वहीं, साल 1994 में प्रति व्यक्ति एक दिन में तेल उपयोग २० ग्राम और साल २००० में प्रति दिन 55 ग्राम ऑयल उपयोग हो रहा है। माना जा रहा है कि अब और खपत बढ़ गई है। अनुसान है कि प्रति व्यक्ति सालभर में करीब १२ लीटर और एक माह में करीब1 लीटर खपत करता है।
देश में खा रहे 14 हजार कचौड़ी और 21 हजार करोड़ समोसा उत्तर भारत के लोग समौसा, कचौड़ी, भटूरे, पराठा इत्यादि के खासे शौकीन हैं। हाल ये है कि सुबह से ही दुकानों पर भीड़ लग जाती है। एक अनुसान के अनुसार भारतीय सालभर में ब्रेड पकौड़ा 10 हजार करोड़ खा जाते हैं। इसी तरह भटूरे करीब 5 हजार 600 करोड़, कचौड़ी 14 हजार करोड़, समोसा 21 हजार करोड़ और पराठा करीब 35 हजार करोड़ खा जाते हैं।
– आंयल युक्त खाना शरीर के लिए नुकसानदायक है। लोगों को कम से कम प्रयोग करना चाहिए। विशेषकर तली हुई चीज और अन्य खाद्य सामग्री जिसमें ऑयल का भरपूर उपयोग हो रहा है, उससे दूरी बनानी की जरुरत है। स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
– डॉ.विनोद गर्ग, आयुर्वेद चिकित्साधिकारी, कासिमपुर