यदि यह सब बंद हो जाए या पूजा पद्धति, उलटफेर, विधर्मीय क्रियाओं अथवा पूजाओं में गड़बड़ी से या तो ये नाराज होते हैं या कोई मतलब न रखकर मूकदर्शक हो जाते हैं और परिवार बिना किसी सुरक्षा आवरण के पारलौकिक शक्तियों के लिए खुल जाता है। इससे परिवार में विभिन्न तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं।
एक हो सकते हैं कुलदेवी, कुल देवता और इष्ट देवी-देवता (Kuldevi Kuldevta Isht Devi Isht devta)
ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, अक्सर कुलदेवी, देवता और इष्ट देवी-देवता एक ही होते है। इनकी उपासना भी सहज और तामझाम से परे होती है। सिर्फ नियमित दीप और अगरबत्ती जलाकर इनका नाम पुकारना, विशिष्ट दिनों में विशेष पूजा करना, घर में कोई पकवान आदि बनाएं तो पहले उन्हें अर्पित कर फिर घर के लोग खाएं, हर मांगलिक कार्य या शुभ कार्य में उन्हें निमंत्रण देकर या आज्ञा मांगकर ही इन्हें प्रसन्न किया जा सकता है।
क्या धर्म बदलने से बदल जाते हैं कुलदेवी देवता (Kya Dharm Badalane Se Badal Jate Hain Kuldevta)
इस कुल परम्परा की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि आपने अपना धर्म बदल लिया है या इष्ट बदल लिया है तब भी कुलदेवी देवता नहीं बदलेंगे, क्योंकि इनका संबंध आपके वंश परिवार से है।
लेकिन धर्म या पंथ बदलने के साथ यदि कुलदेवी-देवता का भी त्याग कर दिया तो जीवन में अनेक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे धन नाश, दरिद्रता, बीमारियां, दुर्घटना, गृह कलह, अकाल मौत आदि। वहीं, इन उपास्य देवों की वजह से दुर्घटना बीमारी आदि से सुरक्षा होते हुए भी देखा गया है।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि किसी महिला का विवाह होने के बाद ससुराल की कुलदेवी / देवता ही उसके उपास्य हो जाएंगे, न कि मायके के। इसी प्रकार कोई बालक किसी अन्य परिवार में गोद में चला जाए तो गोद गए परिवार के कुल देव उपास्य होंगे।
कुल देवी पूजा की सामग्री (Kuldevi Aur Kuldevta Ki Puja Samagri)
जब भी आप घर में कुलदेवी की पूजा करें, तो सबसे जरूरी चीज होती है पूजा की सामग्री, इसके लिए 4 पानी वाले नारियल, लाल वस्त्र, 10 सुपारियां (खंडित न हों), 8 या 16 श्रृंगार की वस्तुएं, पान के 10 पत्ते, घी का दीपक, कुमकुम, हल्दी, सिंदूर, मौली, पांच प्रकार की मिठाई, पूरी, हलवा, खीर, भिगोया चना, बताशा, कपूर, जनेऊ, पंचमेवा का इंतजाम कर लेना चाहिए।
कुलदेवी / कुलदेवता की पूजा विधि (Kuldevi Ki Puja Vidhi)
कई लोग विशिष्ट अवसरों पर कुलदेवी और कुलदेवता की पूजा तो करते ही हैं। रोजाना भी उनका ध्यान करते हैं। इसके बावजूद उन्हें इच्छित फल प्राप्त नहीं हो पाता और परिवार संकट से घिरा रहता है। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन एक कारण कुल देवी या देवता की पूजा में त्रुटि हो सकती है। आइये डॉ. अनीष व्यास से जानते हैं कुल देवी की आसान पूजा विधि …
7. सामान्यतया पारंपरिक रूप से कुलदेवता / कुलदेवी की पूजा में घर की कुंवारी कन्याओं को शामिल नहीं किया जाता। इसलिए उन्हें इससे अलग ही रखना चाहिए।