नीतिका शर्मा के अनुसार साल 2025 का जून महीना रविवार के दिन से शुरू हो रहा है और पंचांग के अनुसार 1 जून को ज्येष्ठ शुक्ल षष्ठी तिथि है और इस दिन स्कंद षष्ठी भी है। और यह महीना आश्लेषा नक्षत्र में शुरू होगा और इस महीने कई त्योहार और ग्रह गोचर होने वाले हैं।
गंगा दशहरा (Ganga Dashahara)
गंगा दशहरा का पर्व 5 जून को मनाया जाएगा। गंगा दशहरा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाता है। गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने, दान पुण्य करने का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi)
निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को रखा जाएगा। निर्जला एकादशी श्रेष्ठ मानी जाती है और मान्यता है कि इसका व्रत रखने से सभी एकादशी के बराबर फल मिलता है। इस दिन निर्जल व्रत रखा जाता है। निर्जला एकादशी का पारण 7 जून को होगा।
रवि प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh)
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी 8 जून को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन रविवार होने की वजह से इसे रवि प्रदोष व्रत के तौर पर मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना होती है। इसके साथ ही रवि प्रदोष व्रत पितृ शांति के लिए भी अहम माना जाता है।
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत (Vat Purnima)
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 10 जून को रखा जाएगा। वट सावित्री पूर्णिमा व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। मुख्यतः वट सावित्री पूर्णिमा व्रत दक्षिण भारत के राज्यों, महाराष्ट्र और गुजरात में रखा जाता है। जबकि उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ अमावस्या के दिन रखा जाता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत (Jyeshtha Purnima)
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 11 जून को रखा जाएगा। ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 10 जून को सुबह 11.35 बजे से 11 जून की दोपहर 1.13 बजे तक रहेगी। ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत संतान के लिए रखा जाता है। इसके साथ ही ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन यानी 11 जून को चंद्रोदय 7.41 बजे होगा। इस दिन संत कबीर जयंती भी है। इसे संत कबीर के जन्मदिवस के तौर पर मनाया जाता है।
योगिनी एकादशी (Yogini EKadashi)
योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून को रखा जाएगा। योगिनी एकादशी को लेकर मान्यता है कि इसका व्रत रखने वालों के सभी पाप दूर हो जाते हैं और 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर लाभ मिलता है। इसके साथ ही इसे तीनों लोकों में मनाया जाता है।
मासिक शिवरात्रि/सोम प्रदोष व्रत (Masik Shivratri)
मासिक शिवरात्रि और सोम प्रदोष व्रत 23 जून को रखा जाएगा। सोमवार के दिन त्रयोदशी तिथि आती है तो उस दिन के प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। सोम प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त 23 जून को शाम 7.22 से 9.23 बजे तक है।
आषाढ़ अमावस्या (Aashadh Amavasya)
आषाढ़ अमावस्या 25 जून को है। आषाढ़ कृष्ण अमावस्या तिथि पितरों के पूजन के लिए अहम मानी जाती है। इसके साथ ही इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने, दान और पुण्य कर्म करने का बड़ा महत्व रहता है।
गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri Ashadh 2025)
गुप्त नवरात्रि 26 जून से शुरू हो रही है। इसी दिन सुबह 5.25 बजे से 6.58 बजे के बीच घट स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही अलग-अलग तरह के अनुष्ठान इस दिन किए जाते हैं। मां दुर्गा का पूजन होता है। गुप्त नवरात्र में शारदीय नवरात्र की तरह पूजन और अनुष्ठान किए जाते हैं।
श्रीजगन्नाथ रथयात्रा (Jagannath Rath Yatra)
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा 27 जून को शुरू होगी। इसे ओडिशा राज्य में धूमधाम से मनाया जाता है। जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा उत्सव मनाया जाता है और भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भी इस दौरान पूजा की जाती है।
जून माह के व्रत त्योहार (June 2025 Vrat Tyohar List)
- 4 जून: महेश नवमी
- 5 जून: गंगा दशहरा
- 6 जून: निर्जला एकादशी
- 8 जून: प्रदोष व्रत
- 10 जून: वट सावित्री पूर्णिमा व्रत
- 11 जून: कबीरदास जयंती, ज्येष्ठ पूर्णिमा
- 12 जून: आषाढ़ माह शुरू
- 14 जून: कृष्ण पिंगल संकष्टी चतुर्थी
- 15 जून: मिथुन संक्रांति
- 21 जून:योगिनी एकादशी
- 23 जून: प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
- 25 जून:आषाढ़ अमावस्या
- 26 जून:आषाढ़ गुप्त नवरात्रि
- 27 जून: जगन्नाथ रथ यात्रा
- 28 जून: विनायक चतुर्थी