विशेषज्ञ बोले- तुरंत चाहिए नया सिस्टम
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि तत्काल प्रभाव से नया एयरेशन सिस्टम नहीं लगाया गया तो झील में ऑक्सीजन का स्तर तेजी से घट जाएगा। इसका सीधा असर झील के पारिस्थितिक तंत्र पर पड़ेगा, जलीय जीवों की मौत होगी, पानी की गुणवत्ता गिरेगी और पर्यटन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
नैनीताल की पहचान खतरे में
झील संरक्षण को लेकर झील विकास प्राधिकरण के सचिव विजय नाथ शुक्ल ने बताया, “एयरेशन सिस्टम की ट्यूब्स में गड़बड़ी सामने आने पर शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। शासन ने विभाग से कुछ बिंदुओं पर जवाब मांगा है, जो भेजा जा चुका है। उनका कहना है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा। फिलहाल, नैनी झील की सांसें टूट रही हैं और समय रहते समाधान न निकला तो यह झील एक बार फिर अपने अस्तित्व के संकट से जूझने को मजबूर हो जाएगी।”
‘खराब हो चुके उपकरणों को जल्द कराया जाएगा ठीक’
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा, “झील में एयरेशन प्रोग्राम झील विकास प्राधिकरण के माध्यम से चलाया जा रहा है। इस दौरान एयरेशन मशीन में जो भी उपकरण खराब या पुराने हो चुके हैं उनका एक प्रपोजल तैयार किया गया है। जल्द तकनीकी एजेंसी की सहायता लेकर इन उपकरणों को बदला जाएगा और खराब हो चुके उपकरणों को ठीक करवाया जाएगा।”