अभियान की शुरुआत सुबह के समय हुई, जब प्रशासनिक अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा कर अतिक्रमण की स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद जेसीबी मशीनों के जरिए अवैध निर्माणों को ढहाने का काम शुरू किया गया। इस दौरान आसपास के लोगों में कार्रवाई को लेकर चर्चा का माहौल रहा।
नगर आयुक्त ऋचा सिंह ने बताया कि लंबे समय से इस जमीन पर अतिक्रमण की शिकायतें मिल रही थीं। उन्होंने कहा, “हमें स्थानीय लोगों और अन्य स्रोतों से सूचना मिली थी कि 18 बीघा से अधिक सरकारी जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। हमने इसकी जांच की और पाया कि यह नगर निगम की संपत्ति है। आज की कार्रवाई में हमने जमीन को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कर लिया है। अब इसकी पैमाइश का काम चल रहा है, जिसके बाद इसका उपयोग नगर विकास कार्यों के लिए किया जाएगा।”
एसडीएम राहुल शाह ने भी कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा, “अतिक्रमण की सूचना मिलने के बाद हमने मौके पर जाकर स्थिति का निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि यह सरकारी जमीन है, जिस पर अवैध कब्जा किया गया था। नगर निगम के सहयोग से हमने जमीन को वापस अपने कब्जे में ले लिया है। भविष्य में ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी, ताकि सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग न हो।”
इस कार्रवाई के बाद नगर निगम ने जमीन पर अपना बोर्ड लगाकर यह स्पष्ट कर दिया कि यह अब उनकी संपत्ति है। अधिकारियों ने बताया कि इस जमीन का उपयोग भविष्य में सार्वजनिक हित में विकास कार्यों, जैसे पार्क, सामुदायिक केंद्र या अन्य बुनियादी ढांचे के लिए किया जा सकता है। हालांकि, अभी इसकी पैमाइश और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी और सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।