साई सुदर्शन ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत लीड्स टेस्ट में शून्य के साथ की। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे सुदर्शन चार गेंद का सामना कर सके और बेन स्टोक्स की गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए। हालांकि दूसरी पारी में उन्होंने 30 रन की पारी खेली। इसके बाद उन्हें बर्मिंघम में खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट की प्लेइंग-11 से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके बाद उनकी मैनचेस्टर टेस्ट में करुण नायर की जगह टीम में वापसी हुई।
मैनचेस्टर टेस्ट में उन्होंने पहली पारी में बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए अपने करियर का पहला अर्धशतक जड़ा। सुदर्शन ने 134 गेंद में 6 चौके की मदद से 61 रन की पारी खेली। दूसरी पारी में वो एक बार फिर अपना खाता नहीं खोल पाए। इस बार क्रिस वोक्स ने पहली ही गेंद पर उन्हें हैरी ब्रूक के हाथों लपकवाकर पवेलियन वापस भेज दिया।
इसके बाद साई सुदर्शन को सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में भी मौका मिला, लेकिन ओवल में खेले जा रहे इस मैच में वे फिर फ्लॉप साबित हुए और पहली पारी में 38 और दूसरी में 11 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इस दौरे पर सुदर्शन ने तीन मैचों की छह पारियों में 23.33 के साधारण औसत से मात्र 140 रन बनाए हैं। हालांकि उसके इस खराब प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टीम का भविष बताया जा रहा है और कोच गौतम गंभीर ने उन्हें और मौके देने की बात कही है।