अनुष्का संजीवनी (नाबाद 23) और सुगंधिका कुमारी (नाबाद 19) ने 8वें विकेट के लिए 40 रन की अटूट साझेदारी करके श्रीलंका को जीत दिलाई, जिससे मेजबान टीम ने महिला वनडे में अपना दूसरा सबसे बड़ा सफल रन चेज हासिल किया। उन्होंने 2018 के बाद से भारत पर अपनी पहली वनडे जीत भी दर्ज की, जो 34 मैचों में हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली टीम पर उनकी तीसरी जीत भी है।
धीमी पिच पर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारत की प्रतिका रावल और स्मृति मंधाना ने पहले विकेट के लिए 51 रन की साझेदारी की, लेकिन पावर-प्ले के अंतिम ओवर में स्मृति मंधाना रन आउट हो गईं। इसके बाद प्रतिका को इनोका रानावीरा ने एलबीडब्ल्यू आउट किया, जिसके बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर ने हरलीन देओल (29) और जेमिमा रोड्रिग्स (37) के साथ क्रमश: 42 और 44 रन की साझेदारी की।
इसके बाद ऋचा ने 48 गेंदों पर 58 रन बनाए और दीप्ति शर्मा के साथ 52 रनों की साझेदारी की। लेकिन 44वें ओवर में ऋचा के आउट होने के बाद भारत अपनी मनचाही फिनिशिंग किक हासिल करने में विफल रहा, क्योंकि श्रीलंका ने आखिरी पांच ओवरों में सिर्फ 29 रन दिए। श्रीलंका के लिए सुगंदिका और कप्तान चमारी अथापथु ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए तीन-तीन विकेट चटकाए।
वहीं, लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका कभी भी नियंत्रण से बाहर नहीं दिखी। स्नेह राणा ने एक बार फिर भारत के लिए 3-45 के साथ बेहतरीन गेंदबाजी की। लेकिन ऑलराउंडर काशवी गौतम सिर्फ पांच ओवर फेंकने के बाद लंगड़ाते हुए मैदान से बाहर चली गईं, जिसका मतलब था कि हरमनप्रीत को छठी गेंदबाज़ के रूप में प्रतीका का इस्तेमाल करना पड़ा। हालांकि हसिनी परेरा और विश्मी गुणरत्नेपहले ही आउट हो गईं, लेकिन हर्षिता ने अपने तेज अर्धशतक के जरिए सुनिश्चित किया कि मेजबान टीम रन बनाने में स्थिर रहे।
लेकिन नीलाक्षिका की पारी ने मैच को भारत से दूर कर दिया। अपने बड़े शॉट लगाने के हुनर और भारत की खराब फील्डिंग का लाभ उठाते हुए नीलाक्षिका और कविशा ने 37वें ओवर में अरुंधति रेड्डी की गेंद पर 20 रन बटोरे।
उसके बाद श्रीलंका को मुकाबला जीतने में परेशानी नहीं हुई। नतीजन श्रीलंका ने 49.1 ओवर में 278/7 का स्कोर बना पांच गेंदें शेष रहते मैच जीत लिया। श्रीलंका अब चार अंकों के साथ भारत के बराबर है और अब मंगलवार को उसका सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा, जो अब तक जीत नहीं पाया है।