सुनील गावस्कर और कपिल देव उस समय न सिर्फ भारतीय क्रिकेट के बल्कि इंटरनेशनल क्रिकेट के महान सितारों में से एक थे। 1985-85 में इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आई. उस दौरान भी भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई थी। पहले टेस्ट और वनडे सीरीज एक साथ खेले जाते थे। जैसे एक टेस्ट मैच फिर एक या दो वनडे मैच, फिर दूसरा टेस्ट। इसी तरह से उस सीरीज का भी कार्यक्रम था।
भारत ने जीता था पहला मुकाबला
मुंबई में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली थी। दूसरा टेस्ट दिल्ली में खेला गया, जहां भारतीय टीम को करारी हार झेलनी पड़ी। भारत ने पहली पारी में 307 रन बनाए, जवाब में इंग्लैंड ने 418 रन बना डाले। भारतीय टीम जब दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरी तो 111 रन से पिछड़ रही थी। उस समय के टीम इंडिया के कप्तान सुनील गावस्कर और मोहिंदर अमरनाथ ने मिलकर 111 रन बना दिए लेकिन दोनों आउट हो गए। आखिरी दिन चाय से कुछ देर पहले तक स्कोर 4 विकेट पर 208 रन था। संदीप पाटिल और रवि शास्त्री जमे हुए थे। मैच ड्रा की तरफ जा रहा था। बड़े बड़े शॉट खेलने के लिए जाने जाने वाले संदीप पाटिल को मैसेज मिला था कि वो बड़े शॉट खेलने की कोशिश न करें। हालांकि वह ज्यादा देर खुद को नहीं रोक पाए और स्पिनर फिल एडमंड्स की गेंद पर एलन लैम्ब को कैच दे बैठे। इसके बाद कपिल देव बल्लेबाजी करने के लिए आए। उन्हें भी हिदायत दी गई कि संभल कर खेलें। हालांकि कपिल देव भी जल्दी आउट हो गए। इसके बाद टीम इंडिया ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और महज 26 रन पर 6 विकेट गंवा दिए। इंग्लैंड के सामने 125 रन का लक्ष्य था और उन्होंने दिन खत्म होने से पहले टारगेट हासिल कर लिया।
हार के बाद कपिल देव बनाए गए दोषी
इस मैच के बाद कपिल देव और संदीप पाटिल हार का दोषी करार देते हुए अगले मैच से बाहर कर दिया गया। वर्ल्डकप 1983 जिताने वाले कप्तान कपिल देव के चाहने वालों ने विरोध कर दिया। अगला मुकाबला कोलकाता में होना था। फैंस को लग रहा था कि कपिल देव को बाहर करने के पीछे टीम के कप्तान सुनील गावस्कर का हाथ है। कोलकाता में ‘नो कपिल, नो टेस्ट’ के पोस्टर लग गए। सुनील गावस्कर पर अंडे फेंके गए। उस समय गावस्कर दर्शकों से इतना नाराए हुए कि उन्होंने क़सम खाई कि वो कोलकाता में कभी टेस्ट नहीं खेलेंगे। हालांकि अगले दो टेस्ट के लिए कपिल देव की टीम में वापसी हुई। कानपुर में खेला गया चौथा मुकाबला ड्रॉ रहा तो चेन्नई में खेला गया आखिरी मैच इंग्लैंड ने अपने नाम किया। भारतीय टीम पहला मुकाबला जीतने के बाद सीरीज 2-1 से हार गई। सुनील गावस्कर ने कई बार साफ किया कि कपिल देव को बाहर करने के पीछे उनका कोई रोल नहीं था। बाद में एक समारोह में गावस्कर ने कपिल देव के सामने यह बात दोहराई और दोनों के बीच का मतभेद खत्म हो गया।