अगर यह पूछा जाए कि एशिया कप में भारतीय टीम की तरफ़ से वह कौन सा स्पिनर होगा जो प्लेइंग XI में पहले स्थान पर होगा, तो इसमें कोई दो मत नहीं कि वरुण इस स्थान के लिए सबसे मजबूत दावेदारों में से एक होंगे। दक्षिण अफ्रीका दौरे (नवंबर 2024) से भारतीय टीम में वापसी करने के बाद उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। उस दौरान चार मैचों की टी20 सीरीज में वह सबसे ज्यादा विकेट (12) लेने वाले गेंदबाज रहे। उस सीरीज में उन्होंने एक द्विपक्षीय टी20 सीरीज में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ टी20सीरीज़ में पांच मैचों में 14 विकेट चटकाए। टी20 विश्व कप के बाद से वरुण ने कुल 12 मैच खेले हैं और कुल 31 विकेट लिए हैं।
कुलदीप भारतीय टीम के प्रमुख स्पिनरों में से एक माने जाते हैं। टी20 विश्व कप के बाद से कुलदीप ने भारत के लिए एक भी टी20 मैच नहीं खेला है। हर्निया की सर्जरी के अलावा उन्हें कुछ छोटी-मोटी चोट भी लगीं। आईपीएल में उन्होंने कुल 15 विकेट लिए और एक बेहतरीन वापसी की। अब वह पूरी तरह से फिट हैं। भारत के इंग्लैंड दौरे पर भले ही उन्होंने कोई मैच नहीं खेला लेकिन वह पूरी तरह से फिट थे। इसमें काफी कम ही शक है कि वह एशिया कप में भारतीय टीम के स्पिन अटैक का हिस्सा नहीं होंगे।
बिश्नोई भारतीय क्रिकेट में एक युवा और आक्रामक लेग-स्पिनर के तौर पर उभरे हैं। वह अपनी तेज गति की लेग-स्पिन और गुगली के लिए जाने जाते हैं। उनका अंतर्राष्ट्रीय फॉर्म प्रभावशाली रहा है। बिश्नोई ने टी20 विश्व कप के बाद से भारत के लिए किसी भी स्पिनर की तुलना में सबसे ज्यादा (18) मैच खेले हैं और कुल 25 विकेट झटके हैं, जो वरुण (32) के बाद सबसे अधिक हैं। हालांकि आईपीएल 2025 में बिश्नोई का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। उन्होंने 11 मैचों में सिर्फ नौ विकेट लिए थे और 10.83 की खराब इकॉनमी से गेंदबाजी की थी।
हालिया आईपीएल में दो स्पिनरों ने क्रिकेट पंडितों और प्रशंसकों को खूब प्रभावित किया – साई किशोर और दिग्वेश राठी। साई किशोर पिछले कुछ सालों से घरेलू सर्किट में तमिलनाडु के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इस साल उनकी ही कप्तानी में आईड्रीम तिरुप्पुर तमिजंस ने टीएनपीएल का खिताब जीता था। साथ ही आईपीएल में भी उन्होंने गुजरात टाइटंस के लिए 19 विकेट झटके थे। इसके अलावा साई बाएं हाथ से आक्रामक बल्लेबाजी भी कर सकते हैं और वह एक अच्छे फील्डर भी हैं। ऐसे में अगर उन्हें भारतीय टीम में मौका मिलता है तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।