कारागृह में निरुद्ध दंडित एवं विचाराधीन बंदियों के लिए हुए इस नवाचार के क्रम में इनकी प्रतिदिन सकारात्मक दिनचर्या प्रारंभ की जाएगी। निरुद्ध अवधि में प्रात:कालीन प्रार्थना, योग, शिक्षा, आउटडोर, इनडोर खेल, शारीरिक व्यायाम, कैंटीन, मेडिटेशन, रात्रिकालीन प्रार्थना, तेरा मंगल मेरा मंगल सबका मंगल कालांश में विभाजित किया गया है।
राजस्थान कारागार विभाग के नवाचार की इस शृंखला में चूरू के जिला कारागार में नए आने वाले बंदियों को परिजनों से मुलाकात कब व कैसे तथा कितने दिन बाद होगी के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। कैंटीन सुविधा, निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करने की नए बंदियों को जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा पीआईसीएस के माध्यम से वार्ता करवाने की जानकारी भी दी जाएगी।
कारागार में बंदियों को परिजनों से वार्ता के लिए पीआईसीएस सिस्टम स्थापित किया गया है। इस व्यवस्था के माध्यम से बंदियों को प्रतिदिन अपने परिजनों या अधिवक्ताओं से वार्ता करने की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। प्रिजनर इंफॉर्मेशन एंड काउंसलिंग सिस्टम से वार्ता के अलावा बंदी अपनी समस्या सीधे जयपुर के मुख्य कारागर में अवगत करवा सकते हैं।
राजस्थान पुलिस जेल जयपुर महानिदेशक गोविंद गुप्ता की ओर किए गए इस नवाचार में जिले के बंदियों के लिए इग्नू के माध्यम से पढ़ाने की व्यवस्था की गई हैं। बीकानेर सेंट्रल जेल में इग्नू का विशेष अध्ययन केंद्र है जहां न केवल पंजीकृत बंदी शिक्षार्थियों की परीक्षा होगी, बल्कि इन्हें पाठ्य पुस्तक आदि उपलब्ध करवाई जाएगी। बंदियों के लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इससे बंदी अपने खाली समय का उपयोग अध्ययन में कर सकेंगे और इन्हें समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की प्रेरणा मिलेगी। नरेश स्वामी, जेल अधीक्षक चूरू