सीएमएचओ डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि विभाग की ओर से गर्भवती व प्रसूता महिला को नियमित स्वास्थ्य संदेश देने के लिए किलकारी सेवा प्रारंभ की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुरु की गई इस किलकारी सेवा से महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। वॉयस मैसेज सेवा के जरिए राज्य की गर्भवती व नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित वॉयस मैसेज भेजे जा रहे हैं। किलकारी वॉयस मैसेज पीसीटीएससॉटवेयर पर दर्ज लाभार्थी महिला के मोबाइल नंबर पर गर्भकाल के चौथे माह से प्रत्येक सप्ताह एक वॉयस मैसेज प्राप्त हो रहा है।
इसी तरह शिशु की आयु एक वर्ष होने तक यानी गर्भकाल के बाद से लाभार्थी को 72 मैसेज भेजे जा रहे हैं। ये मैसेज प्रसव काल, एएनसी, एचबीएनसी, परिवार कल्याण एवं शिशु के पूर्ण टीकाकरण किए जाने के संबंध में होते हैं। इसी तरह मोबाइल एकेडमी कोर्स के जरिए आशाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। डीपीसी (आशा) फरजाना ने बताया कि जिले की लगभग 1100 आशा सहयोगिनियों ने यह कोर्स कर लिया है।
फोन के जरिए कहीं से भी कर सकते हैं कोर्स यह आशा सहयोगिनियों के लिए 240 मिनट का एक कोर्स होता है जिसमें कुल 11 अध्याय होते हैं। प्रत्येक अध्याय में 4 पाठ होते हैं। यह कोर्स करने से आशा सहयोगिनी के मातृ और शिशु स्वास्थ्य, स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी बढ़ती है। साथ ही उसकी संचार क्षमता में भी सुधार होता है। इस कोर्स के लिए आशा सहयोगिनी कभी भी, कही से अपने पंजीकृत फोन नंबर से 14424 डायल कर कोर्स शुरू कर सकती है। कोर्स पूरा करने पर केंद्र सरकार की और आशा को प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है।
मोबाइल एकेडमी से आशाओं की कार्यक्षमता में होगा विकास भारत सरकार की ओर से संचालित होने वाले इन दोनों कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग के लिए सीएमएचओ कार्यालय आए कार्यक्रम अधिकारी नवलकिशोर व्यास ने मंगलवार को आशाओं के साथ बैठक कर विस्तार से चर्चा की। व्यास ने बताया कि ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की सबसे मजबूत कड़ी के रूप में कार्य कर रही आशा सहयोगिनियों की मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से संबंधित जानकारियां और क्षमता को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से डिजिटल इंडिया मिशन के तहत मोबाइल एकेडमी कार्यक्रम कार्य कर रहा है।