सुरजीत ने बताया कि बेटे के जन्म के बाद उसकी पत्नी घर में बने स्नानघर में अपना सिर धोने का कहकर गई थी। लेकिन वापिस नहीं आई तो देखने पर वह स्नानघर में मृत पड़ी थी। ऐसे में वह डेढ महीने तक मासूम के पालन— पोषण के लिए इधर उधर घूमता रहा , लेकिन किसी ने भी उसकी जिम्मेदारी नहीं ली। फिर किसी के कहने पर शनिवार शाम को 6 बजे अस्पताल आकर उसने रात करीब 12 बजे मासूम को पालना गृह में छोड़ दिया।
उसने बताया कि रविवार दोपहर को बीनासर निवासी उसकी बड़ी बहन को सोशल मीडिया पर शिशु की पालना गृह की सूचना दिखी। इस पर उसने उसे फोन कर पूछा तो उसने सारी बात बता दी। ये सुन बहन ने उसे कोसा और पालन पोषण की जिम्मेदारी लेते हुए नवजात को वापस लेने भेज दिया।
सुरजीत नाम के एक शख्स ने नवजात के पिता होने का दावा किया है। उसकी मां के साथ उसकी फोटो भी दिखाई है। उसे उसकी बड़ी बहन व परिवार के लोगों को लाने के लिए कहा गया है। चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम पूरी जांच पड़ताल के बाद ही नवजात के संबंध में फैसला करेगी। कोतवाली पुलिस को भी सूचना दी गई है।-डॉ. महेश मोहन पुकार, प्राचार्य पण्डित दीनदयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज
नवजात के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद कानूनी कार्रवाई के साथ चाइल्ड हेल्पलाइन द्वारा बाल कल्याण समिति पेश किया जाएगा। सही दस्तावेज पाए जाने पर ही सुरजीत को नवजात सौंपा जाएगा।– पन्ने सिंह, परियोजना अधिकारी, चाइल्ड हेल्पलाइन बाल अधिकारिता विभाग, चूरू।
चूरू कोतवाली थानाधिकारी सुखराम चोटिया ने बताया कि इस संबंध में पुलिस थाने में कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है।