Rajasthan Roadways: एक ही काम के वेतन में अंतर… जानें, बस सारथी और सिविल डिफेंस स्वयंसेवक क्यों आमने- सामने
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में एक ही काम कर रहे बस सारथी और सिविल डिफेंस के लिए दोहरे नियमों ने बस सारथियों को संकट में डाल दिया है। दोनों के वेतन में भारी अंतर है।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में एक ही काम कर रहे बस सारथी और सिविल डिफेंस के लिए दोहरे नियमों ने बस सारथियों को संकट में डाल दिया है। दोनों के वेतन में भारी अंतर है। बस सारथी को सिविल डिफेंस स्वयंसेवक के मुकाबले नौ हजार रुपए कम मानदेय मिल रहा है और राजस्व का भी लक्ष्य दिया जा रहा है। जबकि सिविल डिफेंस के जिन स्वयंसेवकों को बस सारथी बनाया गया है, उन्हें रोडवेज प्रशासन की ओर से 22 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है और प्रति किलोमीटर कमाई का लक्ष्य भी नहीं दिया गया है।
राजस्थान रोडवेज में एक ही काम के लिए वेतन में भारी अंतर
रोडवेज प्रशासन ने तय किया था कि जिला कलक्टर्स के जरिए प्रदेश के सभी आगार में सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों को बस सारथी बनाया जाएगा। पूरे प्रदेश भर में 1400 से ज्यादा वेकेंसी निकालकर सिविल डिफेंस स्वयंसेवाकों की भर्ती की गई। कई जगह अभी भर्ती की जानी है। इन सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों को रोडवेज प्रशासन की ओर से 22 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है। यही नहीं इन्हें प्रति किलोमीटर कमाई का लक्ष्य भी नहीं दिया गया है।
दोनों ही दे रहे परिचालक पद पर सेवाएं
ऐसे में पुराने बस सारथी अपने साथ अन्याय मान रहे हैं। रोडवेज प्रशासन की ओर से पुराने बस सारथियों को सिर्फ 13 हजार रुपए प्रति माह वेतन दिया जा रहा है। इसके अलावा 35 रुपए प्रति किलोमीटर के राजस्व का भी लक्ष्य दिया हुआ है। उन पर वेतन और लक्ष्य दोनों की मार पड़ रही है। जबकि रोडवेज के स्थायी परिचालकों को 33 रुपए प्रति किलोमीटर का ही लक्ष्य दिया गया है। स्लिपर बस का लक्ष्य 38 रुपए प्रति किलोमीटर है। नियमों सख्त पर मानदेय कमबस सारथी योजना में काम करने वालों को करीब 13 हजार रुपए मासिक मानदेय, यात्रियों से राजस्व उगाही का लक्ष्य और टिकट जांच में मामूली चूक पर ब्लैक लिस्ट होने जैसे सख्त नियम है। इसके मुकाबले सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों को 22 हजार रुपए प्रति माह बिना किसी लक्ष्य के दिए जा रहे हैं।
चित्तौडग़ढ़ आगार में 29 बस सारथी काम कर रहे है। 15 सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों को बस सारथी के रूप में जिला कलक्टर के माध्यम से भर्ती किया जाना है। पुराने बस सारथी को हर माह 13 हजार रुपए दिए जाते है। सिविल डिफेंस स्वयंसेवक को 22 हजार रुपए प्रति माह देने का प्रावधान है।
बे-टिकट यात्रा पर अंकुश जरूरी
रोडवेज की कमाई का मूल जरिया यात्रा भार है। बिना टिकट यात्रा पर पूरी तरह अंकुश नहीं लगेगा, तब तक रोडवेज को घाटा झेलना पड़ेगा। राजस्व में पारदर्शिता और जवाबदेही रोडवेज की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की सबसे पहली शर्त है।