scriptRajasthan: अब आईसीजेएस अपराधियों की धरपकड़ का बनेगा ब्रहास्त्र… जानें, कैसे रियल टाइम डेटा से बचना मुश्किल | Rajasthan: Now ICJS will become a weapon to catch criminals… Know how it will be difficult to avoid real time data | Patrika News
चित्तौड़गढ़

Rajasthan: अब आईसीजेएस अपराधियों की धरपकड़ का बनेगा ब्रहास्त्र… जानें, कैसे रियल टाइम डेटा से बचना मुश्किल

आइसीजेएस यानी अंतर संचालनीय आपराधिक न्याय प्रणाली की संकल्पना सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति की ओर से की गई है और यह गृह मंत्रालय की परियोजना है। आइसीजेएस से हर अपराधी का डेटा एक प्लेटफॉर्म पर होगा। पुलिस, जेल और अदालतों को इससे राहत मिलेगी।

चित्तौड़गढ़Jun 12, 2025 / 09:47 am

anand yadav

राजस्थान में अब एक क्लिक में खुलेगी अपराधियों की कुंडली, पत्रिका फोटो

Chittorgarh: अपराध जांच और न्यायिक प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) परियोजना देश भर में लागू की है। इस परियोजना पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। पहले चरण में आईटी सिस्टम लागू हुआ। अब दूसरे चरण में एक डेटा-एक एंट्री के सिद्धांत पर काम हो रहा है। प्रदेश में इस परियोजना के तहत प्रत्येक थाने को जरूरी हार्डवेयर मुहैया कराया जाएगा। ताकि, पुलिस, जेल, न्यायालय और फोरेंसिक विभाग के बीच डेटा साझा करने की प्रक्रिया तेज हो सके। राष्ट्रीय अपराध रेकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) इस परियोजना की निगरानी कर रहा है।

क्या है आइसीजेएस परियोजना

आइसीजेएस यानी अंतर संचालनीय आपराधिक न्याय प्रणाली की संकल्पना सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति की ओर से की गई है और यह गृह मंत्रालय की परियोजना है। इसका उद्देश्य पुलिस, न्यायालय, जेल, फोरेंसिक व अभियोजन विभागों के बीच डेटा और सूचना का सहज आदान-प्रदान सुनिश्चित करना है। आइसीजेएस से हर अपराधी का डेटा एक प्लेटफॉर्म पर होगा। पुलिस, जेल और अदालतों को इससे राहत मिलेगी।
राजस्थान पुलिस आइसीजेएस प्रोजेक्ट, पत्रिका फोटो

चित्तौड़ पुलिस से मांगी सूचना

राजस्थान स्टेट क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो ने सभी पुलिस रेंज आईजी, जिला पुलिस अधीक्षक और आयुक्तालयों को पत्र भेजकर साइट प्रिपरेशन की जानकारी मांगी है। ब्यूरो के महानिरीक्षक शरत कविराज ने मौजूदा संसाधनों का मूल्यांकन कर इसे प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
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आमजन को होगा फायदा

● न्यायिक प्रक्रिया में तेजी, पारदर्शिता और सुगमता
● ऑनलाइन रेकॉर्ड उपलब्ध होने से समय व मेहनत की बचत
● तकनीकी समन्वय से अपराध पर बेहतर नियंत्रण

 आइसीजेएस प्रोजेक्ट राजस्थान पुलिस, पत्रिका फोटो

थाने को स्वीकृत हार्डवेयर

● डेस्कटॉप विद यूपीएस 4 यूनिट
● सिंगल डिजिट स्कैनर 6 यूनिट
● मोबाइल डेटा टर्मिनल 2 यूनिट
● मल्टी फंक्शन प्रिंटर विद स्कैनर 1 यूनिट
● वेब कैमरा 4 यूनिट
● क्यूआर कोड रीडर 1 यूनिट
● क्यूआर कोड प्रिंटर 1 यूनिट
● फिंगर प्रिंट एनरोलमेंट डिवाइस 1 यूनिट

भिजवाई है सूचना

आइसीजेएस परियोजना के तहत राजस्थान स्टेट क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो ने साइट प्रिपरेशन को लेकर जानकारी मांगी थी, जो भिजवा दी गई है। सुधीर जोशी, जिला पुलिस अधीक्षक, चित्तौड़गढ़

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